5 सितम्बर, 2022, हैदराबाद
भाकृअनुप-भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद और इफको किसान ने आज कर्नाटक के कोप्पल जिले में एफपीओ के माध्यम से जैव-फोर्टिफाइड मोती बाजरा की खेती को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

इस सहयोगात्मक प्रयास के माध्यम से, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में एफपीओ को पोषण सामग्री और इसके लाभों के साथ-साथ बायोफोर्टिफाइड बीजों की पैकेजिंग पर बीज, प्रौद्योगिकी अभिविन्यास, सलाह, प्रसार तथा क्षमता निर्माण संस्थान के तरफ से प्रदान किया जाएगा।
डॉ. सी. वी. रत्नावती, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएमआर ने कहा कि संस्थान किसानों और एफपीओ को नॉलेज पार्टनर इफको किसान से जोड़ेगा। उन्होंने जैव-फोर्टिफाइड बीजों और बाजरा के पोषक मूल्यों के बारे में जागरूकता पैदा करने पर जोर दिया।
इफको किसान के सीओओ, श्री प्रवीर श्रीवास्तव ने बताया कि इफको किसान को बीज वितरित करेगा। उन्होंने प्रतिस्पर्धी मूल्य पर एफपीओ से फार्म गेट पर पर्ल बाजरा की बायबैक का भी आश्वासन दिया साथ ही कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के जिलों में इस पायलट परियोजना को आगे बढ़ाने की भी बात की।
श्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य, लीड-पार्टनर, रिलेशनशिप, इफको किसान ने आगे कहा कि भाकृअनुप-आईआईएमआर की मदद से, इफको किसान, किसानों और एफपीओ को ऑन-बोर्डिंग प्रशिक्षण, बेहतर पैकेज व्यवस्था एवं क्षमता निर्माण, प्रौद्योगिकी अभिविन्यास और बीज वितरण एवं एफपीओ के भागीदारों एवं किसानों के लिए बेहतर बाजार संबंध की दिशा में काम करेगा।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)







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