10 जुलाई, 2025, असम
भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, असम ने आज डॉ. श्रीनिवास राव, निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई के नेतृत्व में आयोजित एक किसान-वैज्ञानिक संवादात्मक बैठक और आदान वितरण कार्यक्रम के साथ राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस मनाया।
मुख्य अतिथि, श्री चंदन पेगु, आंचलिक सदस्य, गोगामुख ग्राम पंचायत ने कृषि श्रम को कम करने और उत्पादकता में सुधार लाने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने किसानों से स्थायी आजीविका के लिए व्यावसायिक स्तर पर मछली पालन अपनाने का आग्रह किया।
विशिष्ट अतिथि, श्रीमती पिंकी नाम दास, आंचलिक सदस्य, दिरपई मोहरी कैंप ग्राम पंचायत ने क्षेत्र में मछली उत्पादन को प्रभावित करने वाली चुनौतियों पर चर्चा की, जिनमें मिट्टी में जल धारण क्षमता की कमी, घटिया बीज की गुणवत्ता तथा वैज्ञानिक मछली पालन पद्धतियों के बारे में जागरूकता की कमी शामिल है।

इस कार्यक्रम में 70 मत्स्य कृषकों ने भाग लिया। उनके प्रयासों को समर्थन देने के लिए, जयंती रोहू, अमूर कॉमन कार्प, जीआई कतला, इंडियन मेजर कार्प (आईएमसी) एवं माइनर कार्प सहित 10,000 उच्च-गुणवत्ता वाली मछलियों के बच्चे वितरित किए गए। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक किसान को स्थानीय तालाबों में पानी की अम्लता की समस्या के समाधान के लिए 5 किलोग्राम चूना भी दिया गया।
तीन प्रगतिशील मत्स्य पालकों को उनके योगदान के लिए प्रशंसा पत्र और पारंपरिक गमोसा देकर सम्मानित किया गया। भाकृअनुप-आईएआरआई, असम के वैज्ञानिकों ने एक संवाद सत्र के दौरान किसानों के प्रश्नों के उत्तर दिए, जिसे प्रतिभागियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।
इस कार्यक्रम में प्रभारी वैज्ञानिक, प्रभाग प्रमुख, शोधकर्ता एवं स्थानीय पंचायत सदस्य भी शामिल हुए।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोगामुख, असम)
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