5 सितंबर 2022, गराचार्मा
भाकृअनुप-केंद्रीय द्वीप कृषि अनुसंधान संस्थान, पोर्ट ब्लेयर ने राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित परियोजना के तहत आज अपने गराचार्मा अनुसंधान फार्म में एक पांडनस जीन बैंक की स्थापना की, जो अण्डमान और निकोबार के विभिन्न भागों से एकत्र किए गए पांडनस की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण, मूल्यांकन और उपयोग के लिए है। विभिन्न प्रजातियों के कुल 175 पौधे भाकृअनुप-सीआईएआरआई परिसर में 2.0 एकड़ सीढ़ीदार भूमि में पांडनसलेरम, पांडनस्टेक्टोरियस, पांडनुसोडोरिफर और पांडनुसमेरीलिफोलियस लगाए गए।

विश्व नारियल दिवस 2022 समारोह के हिस्से के रूप में, सीआईएआरआई द्वारा जारी पांच नारियल किस्मों के तीस पौधे जैसे फील्ड जीन बैंक में द्वीप हरिता, द्वीपसोना, सीआईएआरआई चंदन, सीआईएआरआई सूर्या और सीआईएआरआई अन्नपूर्णा को भी लगाया गया था।

डॉ. ई.बी. चाकुरकर, निदेशक, भाकृअनुप-सियारी ने पौधरोपण समारोह की अध्यक्षता की।
कार्यक्रम के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं समन्वयक, डॉ. आई. जयशंकर ने भाकृअनुप-सीआईएआरआई में पांडनस पर शोध की पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी दी।
डॉ. बी.ए. जेरार्ड, हेड, डिवीजन ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री ने वैश्विक परिदृश्य, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की आदिवासी जनजातियों की आजीविका में पांडनस के पेड़ों के ऐतिहासिक महत्व को विस्तार से बताया, उन्होंने कहा स्टार्च युक्त फलों को भोजन के रूप में, पत्तियों को सेलक्लॉथ, मैट और रस्सियों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय द्वीप कृषि अनुसंधान संस्थान, पोर्ट ब्लेयर)







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