3 अगस्त, 2022, आणंद
डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आज भाकृअनुप-औषधीय और सुगंधित पादप अनुसंधान निदेशालय (डीएमएपीआर), आणंद, गुजरात का दौरा किया।

डॉ. पाठक ने वैज्ञानिकों से बातचीत के दौरान कहा कि वैज्ञानिकों को डिलीवरी मोड में काम करने की जरूरत है। उन्होंने वैज्ञानिकों से देश के किसानों और हितधारकों के लाभ के लिए कम से कम एक उत्पाद/सेवा विकसित करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने निदेशालय की अनुसंधान उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त किया।
उन्होंने दो महिला उद्यमियों, श्रीमती साई सुधा चेब्रोलू, संस्थापक, मैसर्स बिल्वम हर्बल्स प्राइवेट लिमिटेड, आनंद और श्रीमती निरुपबेन परमार, संस्थापक, मैसर्स निरका हर्बल्स, वडोदरा को सम्मानित किया, जो औषधीय और सुगंधित पौधों से मूल्य वर्धित उत्पादों के व्यावसायीकरण के क्षेत्र में काम कर रहीं हैं, जिस उत्पाद को, निदेशालय के टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर के, मेडी-हब में इनक्यूबेट किए गए हैं।
डॉ. पाठक ने निदेशालय द्वारा प्रकाशित "वेस्ट टू वेल्थ: टेक्नोलॉजी फॉर वैल्यू एडिशन टू मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट्स वेस्ट बायोमास" पर एक बुलेटिन भी जारी किया।
इससे पूर्व, डॉ. विक्रमादित्य पांडे, सहायक महानिदेशक (बागवानी विज्ञान-I), भाकृअनुप ने निदेशालय की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
डॉ. के.बी. कथेरिया, उप-कुलपति, आनंद कृषि विश्वविद्यालय (एएयू), आणंद; डॉ. एम.के. जाला, अनुसंधान निदेशक, एएयू, आनंद; डॉ. के.सी. दलाल, पूर्व निदेशक, एनआरसीएमएपी; डॉ. सत्यांशु कुमार, निदेशक (कार्यवाहक), भाकृअनुप-डीएमएपीआर; डॉ. ए.के. सिंह, प्रमुख, भाकृअनुप-सीएचईएस, गोधरा एवं भाकृअनुप-डीएमएपीआर के वैज्ञानिक और कर्मचारी गण भी बैठक में उपस्थित थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-औषधीय और सुगंधित पादप अनुसंधान निदेशालय (डीएमएपीआर), आणंद, गुजरात)







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