23 अगस्त, 2022
वर्तमान स्थिति, रणनीतियों और आगे की राह पर चर्चा करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि इंजीनियरिंग डिवीजन द्वारा "एचडीपी कपास रोपण और चुनाई का मशीनीकरण" पर एक वर्चुअल विचार-मंथन सत्र आयोजित किया गया।

डॉ. एस.एन. झा, उप महानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि कपास के मूल्यवर्धन के लिए बहुत अच्छी प्रसंस्करण तकनीकों और गैजेट्स का विकास किया गया है, जबकि कपास की चुनाई के मशीनीकरण का अभी भी अभाव है। डॉ. झा ने वैज्ञानिकों, किसानों और उद्योग जगत से कपास की बुवाई और चुनाई में आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए एक साथ आने का आग्रह किया। उन्होंने यांत्रिक या रोबोटिक कपास हार्वेस्टर के विकास पर भी जोर दिया।
श्रीमती प्राजक्ता वर्मा, संयुक्त सचिव, कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार सरकार ने उल्लेख किया कि आवश्यक कपास की गुणवत्ता और मात्रा में बहुत बड़ा अंतर है। कपास की समस्याओं को हल करने के लिए निजी फर्मों द्वारा विकसित उपलब्ध कपास स्ट्रिपर्स का आकलन करने की आवश्यकता है।
डॉ. सी आर मेहता, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएई ने सीआईएई भोपाल, सीआईसीआर, नागपुर द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों और कपास रोपण और कटाई के लिए उपयुक्त अन्य व्यावसायिक रूप से उपलब्ध प्रौद्योगिकियों को प्रस्तुत किया।
निदेशक, भाकृअनुप-सिरकोट ने बैठक के सभी प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद प्रस्ताव दिया।
इस बैठक में, भाक़अनुप संस्थानों, कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार, सीसीआई, एसएयू के वैज्ञानिकों, उद्योग के प्रतिष्ठित व्यक्तियों, किसानों और कपास मशीनीकरण में लगे एफपीओ के अधिकारियों ने भाग लिया।
(स्रोत: कृषि अभियांत्रिकी प्रभाग, भाकृअनुप)







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