24 सितम्बर, 2022, हैदराबाद
डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने कहा, "सभी भाकृअनुप संस्थानों को ऐसे योजना बनाने की आवश्यकता है जो एक-वैज्ञानिक एक-उत्पाद परिणाम मॉडल का पालन करने पर आधारित हो।" महानिदेशक आज भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद स्थित भाकृअनुप संस्थानों के निदेशकों और क्षेत्रीय स्टेशनों के प्रमुखों के साथ बातचीत कर रहे थे।


अपनी बातचीत के दौरान, उन्होंने भाकृअनुप की हालिया नीतियों जैसे पांच दिवसीय सप्ताह, आउटपुट-परिणामों के संदर्भ में भाकृअनुप संस्थान के जनादेश की समीक्षा, कॉर्पस फंड फॉर्मूलेशन, ट्रांसफर पॉलिसी, रिक्त पदों को भरने और नए एआरएस बैच के वैज्ञानिकों की भर्ती प्रक्रिया, निदेशकों के शक्तियों के प्रत्यायोजन, राजस्व सृजन मॉडल और अन्य पर प्रकाश डाला। डॉ. पाठक ने वैज्ञानिकों और कर्मचारियों की दक्षता के संदर्भ में प्रणाली की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया।
महानिदेशक ने संस्थानवार मुद्दों की समीक्षा की और आगे के रास्ते के बारे में बताया।
इस अवसर पर, डॉ पाठक ने भाकृअनुप-एनएएआरएम के दो शोध नीति प्रकाशनों अर्थात् इनक्यूबेशन सेंटरों और किसान कॉल सेंटरों के लिए दिशा निर्देश भी जारी किए।
उन्होंने हैदराबाद में स्थित भाकृअनुप संस्थानों के सीजेएससी सदस्यों के साथ भी बातचीत की और एनएएआरएम सेल्फी पॉइंट का उद्घाटन भी किया।
इस संवादात्मक बैठक में पीडीपी, आईआईऑआर, आईआईआरआर, आईआईएमआर,एनआरसी मीट, अटारी, क्रीडा, नार्म के निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों और आईआईएमआर और एनबीपीजीआर के क्षेत्रीय स्टेशनों के प्रमुखों में भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद)







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