20 सितंबर, 2016, रांची
भाकृअनुप - भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान (आईआईएनआरजी), रांची द्वारा 20 सितंबर, 2016 को 93वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया।
श्री सरयू राय, खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले एवं संसदीय कार्य मंत्री, झारखंड समारोह के मुख्य अतिथि थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जैव विविधता के घटकों का प्रयोग संतुलित तरीके से होना चाहिए जिससे लंबी अवधि में जैव विविधता हानियों को रोका जा सके तथा वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों की आवश्यकताओं और जैव विविधता की क्षमता में संतुलन होना चाहिए।



कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पलाश पर पुस्तक और ‘मॉडल बैंकेबल प्रोजेक्ट्स लैक कल्टिवेशन फॉर लिवलीहुड सेक्योरिटी’ तकनीकी बुलेटिन भी जारी की।
डॉ. कैलाश चंद्र, निदेशक, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, कोलकाता ने इस अवसर पर सुश्री डोरोथी नॉरिस की 6वीं स्मृति में व्याख्यान दिया। उन्होंने जैव विविधता की आवश्यकता के महत्व और संरक्षण पर बल दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जैविक घटकों द्वारा उपलब्ध कराई गई पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं वर्तमान में शोषण का शिकार हैं जिनके महत्व को जानने का समय आ चुका है।
डॉ. के.के. शर्मा, निदेशक, आईसीएआर – आईआईएनआरजी ने संस्थान की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
केन्द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के गणमान्य एवं वैज्ञानिक, भाकृअनुप – भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी, आईसीएआर- आरसीईआर क्षेत्रीय केन्द्र, एनबीपीजीआर क्षेत्रीय स्टेशन एवं विभिन्न संस्थानों के अधिकारियों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान 19 से 21 सितंबर, 2016 तक संस्थान द्वारा मुक्त दिवस मनाया गया जिसमें 7 स्कूलों के 1007 विद्यार्थियों ने संस्थान की गतिविधियों का अवलोकन किया।
(स्रोतः भाकृअनुप – भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान, रांची)







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