2 अगस्त, 2023, कोलकाता
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), कोलकाता ने आज यहां ओडिशा केवीके की दक्षता बढ़ाने के लिए एक इंटरैक्टिव बैठक का आयोजन किया।
डॉ. पी.के. राउल, कुलपति, ओडिशा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने केवीके प्रणाली को मजबूत करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों की जानकारी दी।
डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने 2047 तक राष्ट्र की आकांक्षा को पूरा करने के लिए अमृत काल के दौरान केवीके में आवश्यक परिवर्तन को प्रस्तुत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवीके को जिला कृषि-तकनीकी केन्द्र के रूप में कार्य करना चाहिए।
डॉ. पी.जे. मिश्रा, डीन, ओयूएटी ने केवीके द्वारा मक्का, कपास, बागवानी, पादप स्वास्थ्य क्लिनिक, एफपीओ आदि में किए गए विभिन्न प्रायोजित कार्यक्रमों का विस्तृत विवरण दिया।
ओयूएटी के 31 केवीके में चल रही परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा की गई।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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