14 नवंबर, 2025, लुधियाना
डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप), ने भाकृअनुप संस्थान, केन्द्रीय और राज्य कृषि विश्वविद्यालय तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों के लगभग 900 ऑनलाइन प्रतिभागियों से बातचीत की। मीटिंग के दौरान, उन्होंने आने वाले किसानों के साथ बातचीत के प्रोग्राम की घोषणा की, जिसे भाकृअनुप के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान तथा एजुकेशन सिस्टम के तहत पूरे देश में चलाया जाएगा।
आज लुधियाना के भाकृअनुप-केन्दीय कटाई उपरान्त अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना, में हुए एक प्रोग्राम में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, डॉ. जाट ने बताया कि भाकृअनुप, सभी सीएयू, एसएयू तता केवीके के साथ मिलकर 19 नवंबर, 2025 को किसानों के साथ बातचीत का प्रोग्राम करेगा।

इस एक दिन की पहल का मकसद खरीफ की कटाई और रबी की बुआई के दौरान किसानों, एफपीओ तथा कस्टम हायरिंग सेंटर्स के सामने आने वाली दिक्कतों एवं चुनौतियों को इकट्ठा करना और उन्हें दस्तावेजीकरण करना है। इसमें दाल मिशन, ‘पीएम धन धन्य योजना’ और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की कोशिशों जैसी सरकार की खास पहलों के बारे में जागरूकता फैलाने पर भी फोकस किया जाएगा।
डॉ. जाट ने बताया कि इस किसान-केन्द्रित कार्यक्रम में लगभग 3 लाख किसानों तथा स्टेकहोल्डर्स के भाग लेने की उम्मीद है। उन्होंने वैज्ञानिकों, विस्तार कर्मी, तथा सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ किसान समुदाय की भी तारीफ की, उन्होंने फसल के बचे हुए हिस्से को जलाने को काफी कम करने में मिलकर कोशिश की है, खासकर उत्तर-पश्चिम भारत में।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्दीय कटाई उपरान्त अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना)







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