भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने कुपोषित बच्चों के लिए कम कीमत वाले ‘पोषक पूरक आहार’ का पेटेंट किया प्राप्त

भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने कुपोषित बच्चों के लिए कम कीमत वाले ‘पोषक पूरक आहार’ का पेटेंट किया प्राप्त

28 अक्टूबर, 2025, कोलकाता

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), कोलकाता को कुपोषित बच्चों के लिए अपने नए, कम कीमत वाले न्यूट्रिशनल वीनिंग फ़ूड के लिए पेटेंट (नंबर 572808) मिला है। इस टेक्नोलॉजी को उत्तर दिनाजपुर केवीके (यूबीकेवी) ने भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता के साथ मिलकर विकसित और प्रमाणित किया है।

यह नया फ़ॉर्मूलेशन बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए चुना हुआ अनाज और फलियों के सिनर्जिस्टिक कॉम्बिनेशन के ज़रिए बनाया गया है, जो किफायती कीमत पर बैलेंस्ड न्यूट्रिशन देता है। स्वाद और पूरी तरह से सेंसरी अपील को बढ़ाने के लिए एक प्राकृतिक मिठास रूपी पदार्थ मिलाया गया है। यह प्रोडक्ट एक महीन, एक जैसा और स्टेबल पाउडर की तरह बनने के लिए कई सावधानीपूर्वक निरीक्षण प्रोसेसिंग कदम से गुज़रता है। इससे पाचन शीलता, पोषण बायोअवेलेबिलिटी और भंडारण में स्थिरता बढ़ती है, जिससे सुरक्षा तथा असर दोनों पक्का होते हैं।

ICAR-ATARI, Kolkata Secures Patent for Low-Cost Nutritional Weaning Food for Malnourished Children

इसके खास फायदे:

• पूरक अनाज-फलियां प्रोटीन प्रोफाइल के जरिए संतुलित पोषण देता है।

• काफी कम थर्मल प्रोसेसिंग की वजह से पाचन व्यवस्था और पोषक तत्व अब्जॉर्प्शन को बढ़ाता है।

• बच्चों के खाने के लिए सही स्वाद एवं खुशबू बनाए रखता है।

• बेहतर संरक्षण काल तथा प्रोडक्ट सुरक्षा के लिए नमी की मात्रा कम रखता है।

• आसानी से खिलाने के लिए पानी या दूध में आसानी से दोबारा बनाया जा सकता है।

• सामुदायिक पोषण तथा जन स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए सही लागत-प्रभावी निरूपण।

• कम प्रोसेसिंग जरूरतों के साथ छोटे पैमाने पर और इंडस्ट्रियल उत्पादन हेतु आसानी से अनुकूलनशील।

ICAR-ATARI, Kolkata Secures Patent for Low-Cost Nutritional Weaning Food for Malnourished Children

“शिशु आहार” (एफएसएसएआई प्रमाणित) नाम का कम लागत वाला वीनिंग फूड प्रोजेक्ट “पुष्टि” के तहत बच्चों के कुपोषण के लिए एक असरदार समाधान के तौर पर उभरा है। इस पहल ने प्रोडक्ट के प्रोडक्शन और मार्केटिंग में 15 से ज़्यादा सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स (एसएचजी) को बढावा दिया गय़ा है, जिससे पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करते हुए टिकाऊ ग्रामीण आजीविका बनाई जा रही है। पोषण की कमी को पूरा करके तथा बेहतर खाने के तरीकों को बढ़ावा देकर, इस इंटरवेंशन ने बच्चों की हेल्थ को बेहतर बनाने एवं स्कूल जाने से पहले नामांकन बढ़ाने में मदद की है। कुल मिलाकर, यह आविष्कार पोषण सुरक्षा के लिए देश के प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम प्रयास है, खासकर उन जगहों पर जहाँ कम संसाधन उपलब्ध है।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)

×