8 अगस्त, 2025, नई दिल्ली
डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (डेयर) एवं एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) तथा डॉ. शिमोन एहुई, महानिदेशक, अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय कृषि संस्थान (आईआईटीए) के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक का उद्देश्य कृषि अनुसंधान सहयोग के अवसरों का पता लगाना और दोनों संस्थानों के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की संभावनाओं को तलाशना था।
डॉ. जयकृष्ण जेना, उप-महानिदेशक (मत्स्य विज्ञान), डॉ. डी.के. यादव, उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान), डॉ. ए.के. नायक, उप-महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन), डॉ. संजय कुमार सिंह, उप-महानिदेशक (बागवानी विज्ञान) भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

आईआईटीए, एक गैर-लाभकारी संस्था, अफ्रीका की भूख, कुपोषण, गरीबी और प्राकृतिक संसाधनों के क्षरण जैसी गंभीर चुनौतियों का समाधान करने तथा कृषि नवाचारों को विकसित करने हेतु समर्पित है। इसकी अनुसंधान प्राथमिकताओं में शामिल हैं:
• बीज प्रणालियों और सतत कृषि-आदान आपूर्ति को सुदृढ़ बनाना
• राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान एवं विस्तार प्रणालियों को समर्थन देना
• सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से नवाचारों को बढ़ावा देना
• युवाओं को शामिल करना और कृषि में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना
• उन्नत फसल किस्मों, कृषि विज्ञान और फसल सुरक्षा उपायों का विकास
• सतत गहनीकरण और विविधीकरण को बढ़ावा देना
• किसानों को बाजारों, मशीनीकरण, कटाई-पश्चात प्रबंधन और प्रसंस्करण से जोड़ना
• सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य प्रणालियों को आगे बढ़ाना

अपने वर्तमान कृषि-खाद्य प्रणाली कार्यक्रमों के अंतर्गत, आईआईटीए 'शुष्क भूमि अनाज और फलियाँ प्रणालियों', 'मक्का कृषि-खाद्य प्रणालियों', 'जड़ें, कंद और केले कृषि-खाद्य प्रणालियों' पर अनुसंधान में सक्रिय रूप से संलग्न है।
चर्चाओं में कृषि नवाचार को आगे बढ़ाने और वैश्विक खाद्य सुरक्षा और सतत कृषि पद्धतियों में योगदान देने वाली साझेदारियों को बढ़ावा देने के लिए भाकृअनुप और आईआईटीए की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया।
(स्रोत: अंतर्राष्ट्रीय संबंध प्रभाग, भाकृअनुप)
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