भाकृअनुप-कृषि प्रौद्यौगिकी अनुप्रयोग अनुसन्धान संस्थान, क्षेत्र-II, जोधपुर में हिन्दी पखवाड़ा का समापन

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्यौगिकी अनुप्रयोग अनुसन्धान संस्थान, क्षेत्र-II, जोधपुर में हिन्दी पखवाड़ा का समापन

30 सितम्बर 2025, जोधपुर

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, क्षेत्र-II, जोधपुर में आज इस पंद्रह दिवसीय पखवाड़ा ((13 से 30 सितम्बर) समारोह का समापन हुआ।

   

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, आचार्य महिपाल सिंह राठौड़, विभागाध्यक्ष, हिन्दी विभाग, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि हिन्दी न केवल हमारी राजभाषा बल्कि हमारे दिल की धड़कन है और कार्यालय तथा दैनिक जीवन में हिन्दी का प्रयोग करते समय हमें गर्व की अनुभूति होनी चाहिए। हिन्दी एक सरल और सरस भाषा के साथ-साथ आम आदमी की भाषा है। आचार्य राठौर ने कहा की आजादी के समय से ही राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने कहा था कि हिन्दी ही केवल राजभाषा और राष्ट्रभाषा हो सकती है।  हिन्दी न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपना प्रभाव लगातार बढ़ा रही है और आज हिन्दी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली तीसरी सबसे लोकप्रिय भाषा है। उन्होंने हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के विभिन्न प्रयासों की सराहना भी की। आचार्य राठौर ने कहा कि इस संस्थान द्वारा किसानों तक कृषि की नवीनतम तकनीकी जानकारी प्रदान करने में अधिक से अधिक हिन्दी भाषा का प्रयोग होना चाहिए।

   

इस अवसर बोलते हुए डॉ. जय प्रकाश मिश्र, निदेशक, भाकृअनुप–अटारी – क्षेत्र II, ने कहा कि हम राजभाषा के अनुसार क्षेत्र वर्गीकरण में ‘क’ क्षेत्र में आते है, इसलिए हमें कार्यालय कार्य और दैनिक जीवन में हिन्दी के प्रयोग को और अधिक बढ़ाना चाहिये। साथ ही पत्राचार तथा फाइल पर टिप्पणी भी हिन्दी में प्रदान करें तो निश्चित रूप से हम हिन्दी की बेहतर सेवा कर पाएंगे।

इस अवसर पर डॉ. प्रेम पाल रोहिल्ला, प्रधान वैज्ञानिक (पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन) एवं कार्यालय के राजभाषा अधिकारी ने स्वागत उद्बोधन दिया और हिन्दी पखवाड़ा में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं का विवरण प्रस्तुत किया।

मुख्य अतिथि और इस कार्यक्रम के अध्यक्ष ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया।

कार्यक्रम में संस्थान सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने उत्साह से भाग लिया।

राजेंद्र बैंदा, सहायक प्रशासनिक अधिकारी (प्रभारी) वं राजभाषा सचिव, ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, क्षेत्र-II, जोधपुर)

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