3 सितंबर, 2025, चेन्नई
भाकृअनुप-केन्द्रीय खारा जलकृषि संस्थान ने अति गहन तालाब-आधारित प्राकृतिक झींगा पालन (एसआईपीएनएसएफ) प्रणाली का उपयोग करके झींगा बीज श्रृंखलाओं के प्रदर्शन मूल्यांकन परीक्षण करने हेतु कोनाबे इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया।
डॉ. कुलदीप कुमार लाल, निदेशक, भाकृअनुप-सीबा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि शोध के परिणाम झींगा किसानों को अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप बीज श्रृंखलाओं का चयन करने का विकल्प प्रदान करेंगे।
हेंड्रिक्स जेनेटिक्स की सहायक कंपनी कोना बे द्वारा प्रबंधन की जने वाली कंपनी कोनाबे इंडिया प्राइवेट लिमिटेड झींगा प्रजनन में वैश्विक स्तर की विशेषज्ञता प्रदान करती है। बहु-प्रजाति प्रजनन और आनुवंशिकी में विश्वव्यापी अग्रणी, हेंड्रिक्स जेनेटिक्स ने सप्तगिरी हैचरीज़ के साथ एक रणनीतिक संयुक्त उद्यम के माध्यम से, आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में एक झींगा प्रजनन गुणन केन्द्र (बीएमसी) स्थापित किया है। भारतीय बीएमसी का उद्देश्य देश में उच्च-गुणवत्ता वाले झींगा आनुवंशिकी की बढ़ती मांग को पूरा करना है।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री सुंकरनम हरि नारायण राव, तकनीकी एवं विक्रय प्रबंधक, कोनाबे, ने इस सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि इसके परिणामों से झींगा पालन समुदाय को सीधा लाभ होगा। उन्होंने विविध बीज प्रजातियों के विकास में कंपनी की पहलों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला तथा क्षेत्रीय परिस्थितियों में उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए सीबा के साथ साझेदारी करने पर उत्साह व्यक्त किया।
डॉ. कुमारगुरु वासागम ने समझौता ज्ञापन की पृष्ठभूमि की रूपरेखा प्रस्तुत की और चल रहे शोध परीक्षणों से महत्वपूर्ण प्रारंभिक अंतर्दृष्टि साझा की। इस कार्यक्रम में सीबा के पोषण, आनुवंशिकी और जैव प्रौद्योगिकी प्रभाग के प्रभागाध्यक्षों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय खारे पानी जलीय कृषि संस्थान, चेन्नई)
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