भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा ने नेट जीरो को विकेन्द्रीकृत करने पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में लिया हिस्सा

भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा ने नेट जीरो को विकेन्द्रीकृत करने पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में लिया हिस्सा

21 नवंबर, 2025, गोवा

भाकृअनुप–केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा, ने आज डोना पाउला, गोवा में हुए इंटरनेशनल स्टेकहोल्डर इंगेजमेंट इवेंट और ‘बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन और लाइवलीहुड एनहांसमेंट के ज़रिए नेट ज़ीरो को विकेन्द्रीकृत करने’ विषय पर वर्कशॉप में हिस्सा लिया। यह इवेंट आईआईएम अहमदाबाद, आईडीडीआरआई पेरिस और बीआईटीएस पिलानी के.के. बिड़ला गोवा कैंपस ने मिलकर गोवा सरकार के साथ मिलकर गोवा स्टेट बायोडायवर्सिटी बोर्ड के गोवा स्टेट क्लाइमेट चेंज सेल के जरिए ऑर्गेनाइज किया था।

ICAR-CCARI, Goa Participates in International Workshop on Decentralising Net Zero

डॉ. परवीन कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई, विशिष्ट अतिथि के तौर पर हिस्सा लिया तथा इकट्ठा हुए लोगों को खेती में विकेन्द्रीकृत नेट ज़ीरो तरीकों की अहमियत के बारे में बताया, जिसमें कृषि वाणिकी, मिट्टी में कार्बन बढ़ाने, एकीकृत कृषि व्यवस्था और जैव विविधता पर आधारित ग्रामीण उद्यमों का जलवायु शमन और लाइवलीहुड में सुधार के योगदान पर ज़ोर दिया गया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भाकृअनुप-सीसीएआरआई 2040 तक नेट ज़ीरो स्टेटस पाने के लिए समर्पित है।

उद्घाटन सेशन में श्री कमल दत्ता, आईएफएस (प्रधान मुख्य वन संरक्षक, गोवा), साथ ही प्रोफेसर अमित गर्ग (आईआईएम अहमदाबाद), डॉ. प्रदीप वी. सरमोकदम (मेंबर सेक्रेटरी, गोवा स्टेट जैवविविधता बोर्ड), सुश्री मार्टा टोरेस-गुनफॉस (निदेशक, जलवायु प्रोग्राम, आईडीडीआरआई पेरिस), डॉ. लेविंसन जे. मार्टिंस, आईएएस (चेयरपर्सन, गोवा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड), तथा प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी (फाउंडर एनर्जी स्वराज फाउंडेशन), मौजूद थे।

ICAR-CCARI, Goa Participates in International Workshop on Decentralising Net Zero

भाकृअनुप-सीसीएआरआई का हिस्सा लेना टिकाऊ कृषि नवाचार तथा समुदाय-आधारित शोध के ज़रिए गोवा के क्लाइमेट एक्शन एजेंडा को आगे बढ़ाने के उसके कमिटमेंट को दोहराता है। भाकृअनुप-सीसीएआरआई ने कार्यक्रम के दौरान स्टॉल पर इंस्टीट्यूट द्वारा रिलीज की गई चावल की किस्मों के साथ-साथ लोकल गोवा राइस लैंडरेस को भी दिखाया।

अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला में नीति-निर्माता, अद्योग जगत से जुड़े प्रमुख लोग, अनुसंधान, शिक्षा जगत और पेशेवर लोग एक साथ आए और गोवा के लिए विकेन्द्रीकृत नेट ज़ीरो के लिए मार्ग, जैव विविधता संरक्षण और प्रकृति आधारित आजीविका के समाधान पर चर्चा की।

(स्रोत: भाकृअनुप–केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)

×