21 अगस्त, 2025, देहरादून
भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून ने आज "मृदा एवं जल संरक्षण एवं जलग्रहण प्रबंधन" विषय पर चार महीने के नियमित प्रशिक्षण सर्टिफिकेट कोर्स के 129वें बैच का समापन समारोह आयोजित किया।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. जे.एस. समरा, वरिष्ठ सलाहकार, नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम, सीआरआरआईडी, चंडीगढ़, पूर्व सीईओ, एनआरएए, पूर्व उप-महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन), भाकृअनुप तथा पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी, देहरादून उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में, डॉ. समरा ने समकालीन तकनीकी नवाचारों में एआई के एकीकरण पर प्रकाश डाला। उन्होंने संस्थान में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अपने बहुमूल्य अनुभव साझा किए और अधिकारी प्रशिक्षुओं को अपने-अपने व्यावसायिक क्षेत्रों में अपने ज्ञान को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के सफल समापन पर बधाई दी और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया।
डॉ. एम. मधु, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अधिकारी प्रशिक्षु संस्थान के राजदूत हैं और उन्होंने उनसे चार महीने के कार्यक्रम के दौरान अर्जित ज्ञान तथा कौशल को लागू करने का आग्रह किया।

प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र वितरित कर समापन समारोह का समापन किया गया। अभियांत्रिकी, मृदा, कृषि विज्ञान, संरक्षण वानिकी एवं एकीकृत जलग्रहण प्रबंधन जैसे प्रत्येक मॉड्यूल में प्रशिक्षुओं को योग्यता प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।
चार महीने का प्रशिक्षण कार्यक्रम 22 अप्रैल से 21 अगस्त, 2025 तक आयोजित किया गया था जिसमें केरल, पंजाब, मेघालय और छत्तीसगढ़ के 16 अधिकारी प्रशिक्षुओं ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून)
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