18 सितंबर, 2025, बेंगलुरु
भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु पोषण एवं शरीर क्रिया विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु ने आज तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले के वी. मामंदुर, करुंथलाकुरिची तथा अनुमनंधल कुप्पम गाँवों में डीएपीएससी योजना के अंतर्गत एक दिवसीय किसान-वैज्ञानिक संवाद बैठक एवं आदान वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दुधारू पशुओं की उत्पादकता एवं किसानों की आजीविका में सुधार हेतु वैज्ञानिक आहार पद्धतियों और पोषण संबंधी हस्तक्षेपों को बढ़ावा देना था।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. अर्तबंधु साहू, निदेशक, भाकृअनुप-एनआईएएनपी, ने किया। उन्होंने दूध उत्पादन, प्रजनन क्षमता और समग्र पशु कल्याण को बढ़ाने में रणनीतिक पोषण प्रबंधन की भूमिका पर ज़ोर दिया। डॉ. साहू ने सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने और रुमेन की सूक्ष्मजीवी दक्षता को बढ़ाने में फर्टिमिन प्लस के लाभों पर प्रकाश डाला, तथा स्वच्छ दूध उत्पादन हेतु स्वच्छ दूध देने की पद्धतियों पर भी ज़ोर दिया।
कल्लाकुरिची स्थित, डॉ. एस. विष्णुकांतन, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, ने टीकाकरण कार्यक्रम और उपलब्ध सरकारी योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।

श्री एस. करुणानिधि, अतिरिक्त कृषि निदेशक, सेवानिवृत्त, ने अपने विशेष संबोधन में किसानों से सतत आजीविका के लिए आधुनिक तकनीकों तथा एकीकृत कृषि प्रणालियों को अपनाने का आग्रह किया।
डॉ. के. अरुणाचलम, प्रभारी डीन, सेलम स्थित पशु चिकित्सा महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान, ने अध्यक्षीय संबोधन दिया और पशुधन स्वास्थ्य प्रबंधन में व्यवस्थित कृमिनाशक के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने गर्भधारण दर और दूध उत्पादन में सुधार की रणनीतियों और वैज्ञानिक आहार पद्धतियों की रूपरेखा प्रस्तुत की।
यह कार्यक्रम प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है, जिसने अनुसंधान को क्षेत्र-स्तरीय प्रभाव में परिवर्तित करके और छोटे डेयरी प्रणालियों में पोषण समानता और उत्पादकता वृद्धि का समर्थन करके समावेशी कृषि विकास के प्रति भाकृअनुप-एनआईएएनपी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
कुल 150 अनुसूचित जाति के डेयरी किसानों ने इसमें भाग लिया और उन्हें इनपुट किट प्रदान की गई जिनमें 200 किलोग्राम सांद्रित आहार, 5 किलोग्राम फर्टिमिन प्लस खनिज मिश्रण, 20 लीटर का प्लास्टिक दूध का डिब्बा, 10 लीटर की स्टेनलेस स्टील की बाल्टी, रबर मैट, कृमिनाशक बोलस, प्रोजाना पशु चिकित्सा कैप्सूल और एक तकनीकी सूचना पत्रक शामिल थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु पोषण एवं शरीर क्रिया विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु)
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