डॉ. ए.के. नायक, उप-महानिदेशक (एनआरएम), भाकृअनुप, ने भाकृअनुप–सीसीएआरआई, गोवा का किया दौरा

डॉ. ए.के. नायक, उप-महानिदेशक (एनआरएम), भाकृअनुप, ने भाकृअनुप–सीसीएआरआई, गोवा का किया दौरा

27–29 अक्टूबर, 2025, गोवा

डॉ. ए.के. नायक, डिप्टी डायरेक्टर जनरल (नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट), भाकृअनुप, ने 27 से 29 अक्टूबर, 2025 तक भाकृअनुप–केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा का दौरा किया। यह इंस्टीट्यूट का उनका पहला दौरा था, जिसके दौरान उन्होंने प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, फसल विज्ञान, बागवान, पशु एवं मत्स्य विज्ञान, तथा कृषि-आर्थिक टूरिज्म सहित कई विषयों में चल रही रिसर्च एवं विकास कार्यों का डिटेल में समीक्षा किया।

Dr. A.K. Nayak, DDG (NRM), ICAR, Visits ICAR–CCARI, Goa

अपने दौरे के दौरान, डॉ. नायक ने संस्थान के शोध फार्म, फील्ड ट्रायल तथा अनुसंधान सुविधाओं का अच्छी तरह से अवलोकन किया। उन्होंने चल रहे प्रोजेक्ट्स को मजबूत करने के लिए अच्छे सुझाव दिए, और तटीय इकोसिस्टम प्रबंधन हेतु एक सस्टेनेबल और सिस्टम-बेस्ड अप्रोच पर जोर दिया। उन्होंने साइंटिस्ट से कहा कि वे न सिर्फ़ रिसर्च आउटपुट पर ध्यान दें, बल्कि ऐसे नतीजों और लंबे समय के असर पर भी ध्यान दें जिन्हें मापा जा सके, ताकि रिसर्च के सभी क्षेत्रों में बहु विषयक संमिलन तथा नवाचार को बढ़ावा मिले।

डॉ. नायक ने इंस्टीट्यूट के खेतों के निचले और ऊपरी, दोनों तरह के इकोसिस्टम का भी दौरा किया, और पारंपरिक तरीकों से धीरे-धीरे मॉडर्न, हाई-थ्रूपुट साइंटिफिक तकनीकों में बदलाव की सलाह दी। उन्होंने मिट्टी, पानी तथा बायोडायवर्सिटी मैनेजमेंट से जुड़े इलाके की खास चुनौतियों को हल करने में तेजी लाने के लिए तटीय रिसर्च संस्थानों और साइंटिस्ट के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के महत्व पर ज़ोर दिया।

इंस्टीट्यूट की मल्टी-सेक्टोरल रिसर्च पहलों की तारीफ करते हुए, डॉ. नायक ने तटीय खेती को आगे बढ़ाने में भाकृअनुप-सीसीआरआई टीम के समर्पण और उपलब्धियों की तारीफ की। उन्होंने इंस्टीट्यूट के अवसंरचना, सुविधाओं तथा रिसोर्स बेस को बेहतर बनाने में भाकृअनुप की तरफ से लगातार मदद का भरोसा दिलाया, ताकि इसकी रिसर्च एवं इसकी पहुंच की क्षमताओं को और मज़बूत किया जा सके।

स्टाफ और प्रोजेक्ट टीमों के साथ एक इंटरैक्टिव सेशन के दौरान, डॉ. नायक ने खुली चर्चा की, उनके नज़रिए सुने और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में योगदान देने के लिए साइंटिफिक संस्थानों से भाकृअनुप की बड़ी उम्मीदों को शेयर किया।

Dr. A.K. Nayak, DDG (NRM), ICAR, Visits ICAR–CCARI, Goa

इससे पहले, डॉ. परवीन कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीआरआई, ने अनुसंधान, विस्तार, तकनीकी विकास, वैरायटी रिलीज़ और सहयोग में इंस्टीट्यूट की खास कामयाबियों का अवलोकन दिया। उन्होंने बेहतर वैरायटी, जानवरों की नस्लें और नई टेक्नोलॉजी डेवलप करने में इंस्टीट्यूट की तरक्की के साथ-साथ रिसोर्स की कमी के बावजूद इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स हासिल करने में इसकी कामयाबी पर भी ज़ोर दिया। डॉ. कुमार ने भारत सरकार के खास प्रोग्राम के साथ अपने रिसर्च एजेंडा को जोड़ने और ‘विकसित भारत @2047’ के विज़न में योगदान देने के लिए इंस्टीट्यूट के कमिटमेंट को फिर से पक्का किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)

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