डॉ. एम.एल. जाट ने 6वें अंतर्राष्ट्रीय पादप शरीर विज्ञान सम्मेलन 2025 का किया उद्घाटन

डॉ. एम.एल. जाट ने 6वें अंतर्राष्ट्रीय पादप शरीर विज्ञान सम्मेलन 2025 का किया उद्घाटन

15 दिसंबर, 2025, नई दिल्ली

'सतत कृषि के लिए ट्रांसलेशनल जीनोमिक्स और फिजियोलॉजी' शीर्षक वाला 6वां अंतर्राष्ट्रीय पादप शरीर विज्ञान सम्मेलन 2025 (आईपीपी 2025), जिसका आयोजन इंडियन सोसाइटी फॉर प्लांट फिजियोलॉजी (आईएसपीपी), नई दिल्ली और तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबटूर ने संयुक्त रूप से टीएनएयू कोयंबटूर में किया था, का उद्घाटन आज डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने किया।

Dr M.L. Jat Inaugurates the 6th International Conference on Plant Physiology 2025

डॉ. एम.एल. जाट ने 1958 से भारत में पादप जीव विज्ञान के विज्ञान को बढ़ावा देने में आईएसपीपी के प्रयासों और पादप शरीर वैज्ञानिकों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदानों की सराहना की। उन्होंने बताया कि कृषि उत्पादकता जीनोम और पर्यावरण तथा प्रबंधन की परस्पर क्रिया का परिणाम है, और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए, पादप शरीर विज्ञान, आनुवंशिक सुधार तथा फसल प्रबंधन दोनों के लिए एक जोड़ने वाली कड़ी है, और अमृत काल के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कृत्रिम मेधा (AI), जीनोमिक्स एवं जीनोम एडिटिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करें। 2047 की मांग और भारत की अधिकतम खाद्य उत्पादन क्षमता को याद करते हुए, डॉ. जाट ने पादप शरीर वैज्ञानिकों से उन क्षेत्रों में मौलिक और रणनीतिक अनुसंधान करने का आग्रह किया, जिसमें 2% तक आनुवंशिक लाभ बढ़ाना, फोटोरेस्पिरेशन का निषेध, सी3 पौधों को सी4 पौधों में बदलना, अनाज द्वारा जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण, बढ़ते वाष्पोत्सर्जन की मांग को कम करने के लिए गर्म होती दुनिया में जल उपयोग दक्षता बढ़ाना, रात के वाष्पोत्सर्जन को कम करना, मिट्टी के पानी और पोषक तत्वों का दोहन करने के लिए जड़ प्रणाली वास्तुकला एवं राइजोस्फीयर इंजीनियरिंग तथा पादप स्वास्थ्य आधारित सटीक कृषि शामिल हैं।

Dr M.L. Jat Inaugurates the 6th International Conference on Plant Physiology 2025

इंडियन सोसाइटी ऑफ प्लांट फिजियोलॉजी के अध्यक्ष और एओसआरबी, नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रोफेसर संजय कुमार ने विश्व स्तर पर पादप जीव विज्ञान के क्षेत्र में हाल की प्रमुख महत्वपूर्ण प्रगति के बारे में बात की, भारतीय पादप शरीर विज्ञानियों के योगदान को स्वीकार किया, और इस बात पर जोर दिया कि भारतीय पादप शरीर विज्ञानी जलवायु प्रतिरोधी एवं संसाधन उपयोग कुशल फसलें विकसित करने के लिए भविष्य कहनेवाला प्रजनन के लिए जीनोमिक, फेनोमिक्स और गहन शारीरिक, जीनोमिक और फेनोमिक डेटा को एकीकृत करें। रुबिस्को 2.0 के विकास पर बहुत ही बेसिक रिसर्च से लेकर, जो धरती पर सबसे ज़्यादा पाया जाने वाला एंजाइम है और जो सोलर एनर्जी से खाना बनाने की प्रक्रिया को तेज़ करता है, उसे एक तेज़, कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)-रिस्पॉन्सिव एवं स्थिर-ताप वाले एंजाइम में बदलने से लेकर सटीक फसल मैनेजमेंट तक, प्लांट फिजियोलॉजिस्ट को इंटरडिसिप्लिनरी तरीके से योगदान देना चाहिए। उन्होंने भविष्य के लिए तैयार फसलों को समझने और विकसित करने पर रिसर्च करने के लिए 100 क्लाइमेट-रेडी फिजियोलॉजिकल ऑब्जर्वेटरी के ग्लोबल नेटवर्क की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

Dr M.L. Jat Inaugurates the 6th International Conference on Plant Physiology 2025

डॉ. आर. थमिज़ वेंडन, कार्यवाहक कुलपति, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय एवं पूर्व अध्यक्ष, आईएसपीपी, पद्मश्री प्रो. सुधीर सोपोरी, पूर्व कुलपति, जेएनयू, नई दिल्ली, डॉ. चंद्रबाबू, पूर्व कुलपति, केएयू, कुलपति, डॉ. क्रिस्पिन टेलर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), अमेरिकन सोसाइटी ऑफ प्लांट बायोलॉजिस्ट (एसएसपीबी), यूएसए, प्रो. एम. रवींद्रन, निदेशक (अनुसंधान), टीएनएयू, प्रो. एम. कलारानी, निदेशक, फसल प्रबंधन, टीएनएयू, डॉ. ए. सेंथिल, आयोजन सचिव, आसीपीपी - 2025, डॉ. वी. चिन्नुसामी, सचिव, आईएसपीपी, नई दिल्ली यहा उपस्थित रहे।

उद्घाटन समारोह में लगभग 1000 रजिस्टर्ड प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें 38 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि, आमंत्रित वक्ता, पुरस्कार विजेता और छात्र शामिल थे। यह सम्मेलन 15-18 दिसंबर, 2025 तक चार दिनों तक चलेगा।

(स्रोत: टीएनएयू कोयंबटूर एवं आईएसपीपी, नई दिल्ली)

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