एनआईसीआरए के अंतर्गत 'मणिपुर में वर्तमान जलवायु संकट से निपटने के लिए खाद्य, भूमि एवं जल प्रणालियों में परिवर्तन' पर कार्यशाला का आयोजन

एनआईसीआरए के अंतर्गत 'मणिपुर में वर्तमान जलवायु संकट से निपटने के लिए खाद्य, भूमि एवं जल प्रणालियों में परिवर्तन' पर कार्यशाला का आयोजन

1 अगस्त, 2025, मणिपुर

भाकृअनुप-पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र अनुसंधान परिसर, मणिपुर केन्द्र ने आज एनआईसीआरए के अंतर्गत "मणिपुर में वर्तमान जलवायु संकट से निपटने के लिए खाद्य, भूमि और जल प्रणालियों में परिवर्तन" पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्देश्य मणिपुर के कृषि क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बढ़ाने हेतु एक रणनीतिक रोडमैप तैयार करना था। यह पाँच प्रमुख विषयगत क्षेत्रों में गहन चर्चा, ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोगात्मक योजना के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा, जिसका उद्देश्य संसाधन दक्षता, पारिस्थितिक पुनर्स्थापन और समावेशी विकास को बढ़ावा देना है।

Workshop on ‘Transforming Food, Land and Water Systems to Combat the Current Climate Crisis in Manipur’ under NICRA Organised

कार्यशाला में, श्री पीटर सलाम, कृषि निदेशक, मणिपुर सरकार, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी पर्यावरणीय संकट के दौरान किए गए शमन प्रयास आधे-अधूरे होते हैं और आज की कार्यशाला दीर्घकालिक योजनाओं को गति देने और रणनीतिक एवं विशिष्ट उपायों के कार्यान्वयन में मदद करेगी। उन्होंने अगले खरीफ सीजन से नई फसलों की शुरुआत के लिए राज्य के भू-मानचित्रण पर जोर दिया।

मुख्य अतिथि, धनमंजुरी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, प्रो. एन. राजमुहोन ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझने के लिए हमारे पूर्वी हिमालयी क्षेत्र पर व्यापक समग्र शोध करने पर ज़ोर दिया।

मुख्य अतिथि, श्री के. देवदत्त शर्मा, निदेशक, बागवानी एवं मृदा संरक्षण, मणिपुर सरकार ने गर्मी, सूखे और बाढ़ से निपटने के लिए सहयोगात्मक तरीके से शोध करने और जलवायु परिवर्तन को कम करने में उपयोग हेतु हमारी महत्वपूर्ण स्थानीय फसलों के जीन बैंक को बनाए रखने का आग्रह किया।

डॉ. टी. ब्रजकुमार सिंह, निदेशक, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय, मणिपुर सरकार ने राज्य के पारिस्थितिक जलग्रहण क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार करने पर विचार-विमर्श किया और ऊर्जा क्षेत्रों को कृषि, भूमि और जल संबंधों के साथ जोड़ने पर भी ज़ोर दिया।

डॉ. इरेंगबाम मेघचंद्र सिंह, पूर्व संयुक्त निदेशक, भाकृअनुप-आरसी एनईएचआर, मणिपुर केन्द्र ने राज्य की जलवायु प्रतिरोधी किस्मों के विकास के लिए हमारे मूल आनुवंशिक संसाधनों और फसलों के जर्मप्लाज्म की खोज करने की बात कही।

Workshop on ‘Transforming Food, Land and Water Systems to Combat the Current Climate Crisis in Manipur’ under NICRA Organised

डॉ. चौ. बसुधा देवी, क्षेत्रीय केंद्र प्रमुख, भाकृअनुप- आरसी एनईएचआर मणिपुर केन्द्र ने मणिपुर के कृषि क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बढ़ाने हेतु रणनीतिक रोडमैप विकसित करने में इस कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला में दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिसके बाद पैनल चर्चा हुई। जलवायु परिवर्तन से संबंधित विभिन्न विषयों पर प्रख्यात विशेषज्ञों द्वारा कुल 5 व्याख्यान दिया गया।

कार्यशाला में विभिन्न राज्य सरकार के विभागों के कुल 114 अधिकारी, सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रमुख तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं आईएमडी, इंफाल के अधिकारी शामिल हुआ।

(स्रोत: भाकृनुप-पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र अनुसंधान परिसर मणिपुर केनेद्र, लाम्फेलपट, मणिपुर)

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