11 दिसंबर, 2025, हैदराबाद
इंडियन पोल्ट्री साइंस एसोसिएशन (आपीएसए) का तीन दिवसीय 40वां वार्षिक सम्मेलन तथा राष्ट्रीय संगोष्ठी आज प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय (पीजेएसएयू), राजेन्द्र नगर के यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। "भविष्य की ओर: विकसित भारत में प्रोटीन सुरक्षा के लिए पोल्ट्री उत्पादन में टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, उद्यमिता और सस्टेनेबिलिटी को अपनाना" विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, उद्योगपतियों, नीति निर्माताओं और छात्रों सहित 400 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। भाकृअनुप–पोल्ट्री रिसर्च निदेशालय, हैदराबाद और आपीएसए द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित, सम्मेलन का उद्घाटन 9 दिसंबर को डॉ. के.सी. वीरन्ना, कुलपति, केवीएएफएसयू, बीदर और डॉ. के. इलंबरिथी, आईएएस, सचिव, एएचडीडीएफॉ, तेलंगाना सरकार के उद्घाटन भाषणों के साथ हुआ। दोनों नेताओं ने पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में पोल्ट्री क्षेत्र की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला, साथ ही विकसित भारत 2047 के प्रोटीन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वैल्यू-चेन को मजबूत करने पर भी ज़ोर दिया।

मुख्य संबोधन डॉ. तरुण श्रीधर, आईएएस (सेवानिवृत्त), पूर्व सचिव, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार और डॉ. डी. वी.आर. प्रकाश राव, अध्यक्ष, एनएवीएस (I) एवं अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक, प्रकाश फूड्स एंड फीड मिल्स प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई ने दिया।

तीन दिनों के दौरान, विशेषज्ञों ने पोल्ट्री क्षेत्र में चुनौतियों और अवसरों की एक विस्तृत श्रृंखला पर विचार-विमर्श किया। प्रमुख कार्रवाई योग्य सिफारिशों में शामिल हैं:
•सस्टेनेबिलिटी एवं आजीवन उत्पादकता के लिए स्वदेशी नस्लों में फेनोटाइपिक तथा जीनोमिक चयन को आगे बढ़ाना।
•पारंपरिक प्रजनन के साथ आणविक उपकरणों को एकीकृत करना।
•आजीविका बढ़ाने के लिए बैकयार्ड तथा ग्रामीण पोल्ट्री को मजबूत करना।
•पोषण एवं फ़ीड संसाधनों में नवाचार करना, जिसमें एंटीबायोटिक ग्रोथ प्रमोटर के विकल्प और जलवायु-अनुकूल फीडिंग रणनीतियाँ शामिल हैं।
•रोग निगरानी, टीकाकरण एवं वन हेल्थ-आधारित दृष्टिकोण को मजबूत करना।
•बायोसिक्योरिटी और एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) को कम करना।
•फसल कटाई के बाद इनोवेशन, एक्सपोर्ट की तैयारी को बढ़ावा देना, और पोल्ट्री प्रोडक्ट इनोवेशन के लिए एक नेशनल सेंटर स्थापित करना।
•टेक्नोलॉजी-आधारित प्रोडक्शन सिस्टम डेवलप करना और क्षमता निर्माण, किसानों की ट्रेनिंग, और इंडस्ट्री-एकेडेमिया पार्टनरशिप को मजबूत करना।
आईपीएसए ने डॉ. वी. अय्यागरी, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-डीपीआर, और डॉ. वी.के. सक्सेना, पूर्व सहायक महानिदेशक, भाकृनुप को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। आपीएसए फेलो सम्मान डॉ. सोलोमन राजकुमार (भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा), डॉ. आर. अमुथा (टीएएनयूवीएएस), डॉ. चंद्र देव (भाकृअनुप-सीएआरआई, बरेली), और डॉ. रमेश चंद्र हजारी (वेंकटेश्वर हैचरीज ग्रुप) को दिया गया। टेक्निकल सेशन में सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों के लिए छात्रों और फैकल्टी सदस्यों को भी सम्मानित किया गया।

समापन सत्र में, डॉ. एम. ज्ञान प्रकाश, कुलपति, पीवीएनआरटीयू, हैदराबाद, ने भारतीय पोल्ट्री क्षेत्र के विकास-सक्षम इकोसिस्टम और उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. पी.के. शुक्ला, अध्यक्ष, आईपीएसए और डॉ. आर.एन. चटर्जी, निदेशक, भाकृअनुप-डीपीआर, ने इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी एवं लचीलेपन को बढ़ावा देने में अनुसंधान संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका को दोहराया।
सम्मेलन का समापन एक समग्र, भविष्य के लिए तैयार रणनीति के आह्वान के साथ हुआ, जिसमें उद्यमिता, टेक्नोलॉजी, वन हेल्थ सिद्धांत, टिकाऊ फीड सिस्टम, कचरे से धन मॉडल तथा किसान-केन्द्रित इनोवेशन को एकीकृत किया गया ताकि एक विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी पोल्ट्री क्षेत्र का निर्माण किया जा सके जो विकसित भारत 2047 के तहत प्रोटीन सुरक्षा लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान दे सके।
(स्रोत: भाकृनुप–पोल्ट्री अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद)







फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें