25 अक्टूबर, 2025, वेल्लोर
किसान कल्याण और सतत कृषि के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, केन्द्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, वेल्लोर का दौरा किया।
अपने दौरे के दौरान, मंत्री ने प्रधानमंत्री-धन धान्य कृषि योजना, राष्ट्रीय दलहन मिशन, राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन, दलहन पर क्लस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, तथा किण्वित जैविक खाद एवं तरल किण्वित जैविक खाद पर प्रदर्शन सहित विभिन्न प्रमुख योजनाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 500 किसानों और लाभार्थियों के साथ बातचीत की। मंत्री ने इन कार्यक्रमों से प्राप्त लाभों, क्षेत्र-स्तरीय चुनौतियों और कृषि, पशुधन एवं मत्स्य पालन क्षेत्रों को आगे बढ़ाने के लिए उनके सुझावों को समझने के लिए किसानों से सीधे बातचीत की। उन्होंने विभिन्न हितधारकों द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टॉलों का भी दौरा किया, जहां नवीन तकनीकों, सफलता की कहानियों और सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन किया गया।

यह संवाद दो "किसान चौपालों" के माध्यम से आयोजित किया गया।
चौपाल-1 में, मंत्री ने विरुधुनगर, शिवगंगा, थूथुकुडी और रामनाथपुरम जिलों के पीएम-डीडीकेवाई किसानों के साथ बातचीत की। पीएम-डीडीकेवाई के एकीकृत दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए, श्री चौहान ने कहा कि यह योजना किसानों को व्यापक सहायता प्रदान करने के लिए 11 मंत्रालयों के 36 केंद्र सरकार के कार्यक्रमों को एकीकृत करती है। उन्होंने अधिकतम प्रभाव के लिए इन पहलों को समन्वित करने में केवीके तथा स्थानीय संस्थानों के प्रयासों की सराहना की। प्राकृतिक खेती, मुंडू मिर्च की खेती करने वाले किसानों और तिलहन एवं दलहन पर सीएफएलडी पहलों में भाग लेने वाले किसानों ने सत्र के दौरान अपने सफल अनुभव साझा किए।
चौपाल-2 में, मंत्री ने दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में राष्ट्रीय दलहन मिशन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि दलहन की कमी वाला राज्य होने के नाते, तमिलनाडु उन्नत दलहन किस्मों, बेहतर फसल प्रबंधन पद्धतियों, मूल्य संवर्धन एवं बेहतर विपणन सहायता से अत्यधिक लाभ उठा सकता है। श्री चौहान ने क्षेत्रीय परिस्थितियों के अनुकूल उच्च उपज वाली दलहन किस्मों के विकास के लिए राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान केंद्र, वंबन के योगदान की भी सराहना की।
किसानों की चिंताओं का समाधान करते हुए, मंत्री महोदय ने आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार नारियल की खेती में कीट तथा रोग संबंधी समस्याओं से निपटने एवं मूल्य संवर्धन तथा प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देकर अत्यधिक आम उत्पादन से उत्पन्न चुनौतियों को कम करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने आगे घोषणा की कि सभी पात्र किसानों को शामिल करने के लिए तमिलनाडु में पीएम-किसान योजना का दायरा बढ़ाने के प्रयास चल रहे हैं।

तमिलनाडु के किसानों की प्रशंसा करते हुए, श्री चौहान ने उनकी कड़ी मेहनत, मजबूत सांस्कृतिक मूल्यों और कृषि के प्रति समर्पण की सराहना की। उन्होंने राज्य के कृषक समुदाय के प्रति अपनी गहरी प्रशंसा व्यक्त की और आश्वासन दिया कि वे प्राकृतिक खेती तथा अन्य कृषि पहलों पर चर्चा जारी रखने के लिए जल्द ही तमिलनाडु का फिर से दौरा करेंगे।
इस कार्यक्रम में, डॉ. आर. तमीज़ वेंडन, कुलपति, टीएनएयू भी उपस्थित थे; डॉ. शेख एन. मीरा, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, हैदराबाद; सुश्री डी. इनिता, संयुक्त सचिव, भारत सरकार; टीएनएयू और टीएएनयूवीएएस के विस्तार शिक्षा निदेशक; कृषि, बागवानी एवं पशुपालन विभागों के वरिष्ठ अधिकारी; केवीके के वैज्ञानिक; तथा भाकृअनुप संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस बातचीत में तमिलनाडु और पूरे देश में किसान-केन्द्रित नीतियों, विकास योजनाओं के अभिसरण एवं टिकाऊ, प्रौद्योगिकी-संचालित कृषि को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता परिलक्षित हुई।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-X, हैदराबाद)







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