कृषि विज्ञान केन्द्र-लेह, लद्दाख में पोल्ट्री प्रजनन केन्द्र पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की शुरुआत

कृषि विज्ञान केन्द्र-लेह, लद्दाख में पोल्ट्री प्रजनन केन्द्र पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की शुरुआत

23 जुलाई, 2025, लेह, लद्दाख

कृषि विज्ञान केन्द्र-लेह, शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कश्मीर, केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख में आज पोल्ट्री प्रजनन केन्द्र पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना का औपचारिक उद्घाटन किया गया।

इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में श्री ताशी नामगे याक्ज़ी, कार्यकारी पार्षद (पशु/ भेड़), एलएएचडीसी लेह, और विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. आर.एन. चटर्जी, निदेशक, भाकृअनुप-पोल्ट्री अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद, के साथ-साथ डीआईएचएआर, सीएजेडआरआई और एसएएसएंडटी लद्दाख विश्वविद्यालय के अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा वैज्ञानिक उपस्थित थे।

Launch of AICRP on Poultry Breeding Centre at KVK-Leh, Ladakh

श्री याक्ज़ी ने लद्दाख में पोल्ट्री परियोजना की स्थापना के लिए भाकृअनुप की सराहना की और ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसान कल्याण के लिए विभागों के बीच समन्वित प्रयासों का आग्रह किया और पोल्ट्री इकाइयाँ, बुनियादी ढाँचा और बाड़ लगाने में एलएएचडीसी के सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने क्षेत्र में स्थायी पोल्ट्री पालन सुनिश्चित करने के लिए विपणन एवं मूल्य संवर्धन की आवश्यकता पर भी बल दिया।

डॉ. आर.एन. चटर्जी, निदेशक, भाकृअनुप-डीपीआर ने लद्दाख की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में पोल्ट्री पालन शुरू करने के लिए प्रधान अन्वेषक और टीम की सराहना की। कश्मीर में वनराजा की सफलता का हवाला देते हुए, उन्होंने लद्दाख में इसकी क्षमता एवं केन्द्र द्वारा स्थान-विशिष्ट पोल्ट्री किस्म विकसित करने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने इच्छुक किसानों को 50-100 वनराजा चूजों की आपूर्ति का आश्वासन दिया और एलएएचडीसी तथा संबंधित विभागों से केन्द्र की सफलता के लिए निरंतर सहयोग सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

इस कार्यक्रम में लगभग 56 किसानों ने भाग लिया और आश्रय, भोजन तथा शिकारियों के खतरों सहित महत्वपूर्ण चिंताओं को उठाया। पोल्ट्री इनपुट जैसे चारा, खनिज मिश्रण एवं घास काटने वाले उपकरण वितरित किए गए।

(स्रोत: भाकृअनुप-कुक्कुट अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद)

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