फसल विज्ञान प्रभाग भाकृअनुप का सबसे बड़ा प्रभाग है जो अपने एक मानद विश्वविद्यालय, 21 राष्ट्रीय संस्थानों, तीन ब्यूरो, दो परियोजना निदेशालयों, दो राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्रों, 25 अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं (एआईसीआरपी) तथा अखिल भारतीय नेटवर्क परियोजनाएं (एआईएनपी) तथा सात अन्य परियोजनाएं, विभिन्न भाकृअनुप संस्थानों/ केन्द्रीय और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (सीएयू/ एसएयू) में स्थित अपने 732 केन्द्रों के माध्यम से उच्च उपज वाली फसल किस्मों के विकास के लिए अनुसंधान कार्यक्रम चलाता है।
उपरोक्त सभी संस्थानों/ एआईसीआरपी/ एआईएनपी/ अन्य परियोजनाओं को छह प्रमुख योजनाओं में वर्गीकृत किया गया है।
- बुनियादी और रणनीतिक अनुसंधान एवं शिक्षा,
- पादप आनुवंशिक संसाधन प्रबंधन, बीज और पहाड़ी कृषि,
- खाद्य और चारा फसलों के लिए आनुवंशिक सुधार,
- दलहनी एवं तिलहनी फसल सुधार,
- आनुवंशिक लाभ के लिए वाणिज्यिक फसलों में सुधार और
- कीट और सूक्ष्म जीव संसाधन, पादप संरक्षण एवं परागणक अनुसंधान फसल विज्ञान प्रभाग एनएआरएस भागीदारों के साथ 85 फसलों पर काम कर रहा है साथ ही विभिन्न फसलों की कुल 5800 किस्में जारी की है।
मई 2014 से 2022 तक भाकृअनुप के तत्वाधान में राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (एनएआरएस) ने 1956 उच्च उपज देने वाली तनाव सहिष्णु फसल किस्मों/ क्षेत्रीय फसलों के संकर किस्म जारी किए हैं जिनमें अनाज की 924 (चावल 442, गेहूं 127), तिलहन की 291, दालें की 304, 239 रेशे/ व्यावसायिक फसलें, 118 चारा फसलें, 64 गन्ना और 16 अन्य किस्में जो देश के विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।
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