आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तटीय आजीविका विकास के लिए भाकृअनुप-सीबा के अभिनव समुद्री शैवाल-झींगा एकीकरण मॉडल का किया शुभारंभ

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तटीय आजीविका विकास के लिए भाकृअनुप-सीबा के अभिनव समुद्री शैवाल-झींगा एकीकरण मॉडल का किया शुभारंभ

23 अगस्त, 2025, आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नारा चंद्रबाबू नायडू ने भाकृअनुप-केन्द्रीय खारा जलकृषि संस्थान, चेन्नई द्वारा ग्रामीण गरीबी उन्मूलन सोसायटी (एसईआरपी) तथा आंध्र प्रदेश सरकार के सहयोग से विकसित अभिनव समुद्री शैवाल-झींगा एकीकरण मॉडल का शुभारंभ किया। इस पहल को समुद्री शैवाल संवर्धन कार्यक्रम पर कार्य योजना के तहत एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया।.

Andhra Pradesh CM Launches ICAR-CIBA’s Innovative Seaweed–Shrimp Integration Model for Coastal Livelihood Development

सभा को संबोधित करते हुए, श्री नायडू ने इस बात पर ज़ोर दिया कि समुद्री शैवाल को झींगा पालन के साथ एकीकृत करने से जल की गुणवत्ता में सुधार, पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण में वृद्धि तथा विशेष रूप से महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए अतिरिक्त आय उत्पन्न करके तटीय जलीय कृषि में बदलाव आएगा।

इस समझौता ज्ञापन पर श्रीमती वी. करुणा, आईएएस, सीईओ, एसईआरपी, और डॉ. कुलदीप के. लाल, निदेशक, भाकृअनुप-सीबा तथा श्री नायडू की उपस्थिति में द्वारा हस्ताक्षर किया गया।

डॉ. लाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ग्रेसिलेरिया प्रजाति के समुद्री शैवाल को झींगा पालन के साथ एकीकृत करने पर भाकृअनुप-सीबा के शोध ने आशाजनक परिणाम दिखाए हैं, जिसमें समुद्री शैवाल बायोमास में 3-8 गुना वृद्धि तथा झींगा की बेहतर वृद्धि शामिल है, जिससे किसानों को बिना किसी अतिरिक्त निवेश के ही अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि यह मॉडल लागत प्रभावी और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ दोनों है।

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कार्यक्रम को क्रियान्वित करने के लिए, विशेषज्ञों ने भाकृअनुप-सीबा के तकनीकी सहयोग से 30 प्रशिक्षित स्वयं सहायता समूह महिलाओं को शामिल किया।

मुख्यमंत्री ने महिला किसानों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत की, जिन्होंने अपने सकारात्मक अनुभव साझा किए और समुद्री शैवाल की खेती से उत्पन्न नए आजीविका अवसरों पर प्रकाश डाला।

इस सार्वजनिक-निजी भागीदारी का उद्देश्य जिम्मेदार जलीय कृषि के अनुकरणीय, किसान-केन्द्रित मॉडल स्थापित करना है, जो आंध्र प्रदेश के ब्लू इकोनॉमी विजन का समर्थन करता है तथा राज्य को स्थायी तटीय संसाधन प्रबंधन में अग्रणी के रूप में स्थापित करता है।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय खारा जलकृषि संस्थान, चेन्नई)

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