प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन विभाग के तहत विदेशी मदद वाले प्रोजेक्ट्स की रिव्यू तथा मॉनिटरिंग पर मीटिंग संपन्न

प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन विभाग के तहत विदेशी मदद वाले प्रोजेक्ट्स की रिव्यू तथा मॉनिटरिंग पर मीटिंग संपन्न

3–4 नवंबर, 2025, बारामती

भाकृअनुप के प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन विभाग के तहत विदेशी मदद वाले प्रोजेक्ट्स की जनवरी-जून, 2025 के समय के लिए हर छह महीने में एक बार रिव्यू तथा मॉनिटरिंग मीटिंग 3–4 नवंबर, 2025 को भाकृअनुप-राष्ट्रीय अजैविक स्ट्रैस प्रबंधन संस्थान, बारामती में हुई।

सरदार वल्लभभाई पटेल ऑडिटोरियम में हुए उद्घाटन सेशन की शुरुआत दीप जलाने से हुई, जिसके बाद डॉ. के. सम्मी रेड्डी, निदेशक, भाकृअनुप-एनआईएएसएम, ने वेलकम एड्रेस दिया। प्रोग्राम में डॉ. ए.के. नायक, उप-महानिदेशक (एनआरएम), भाकृअनुप, नई दिल्ली, चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल हुआ, और डॉ. राकेश कुमार, प्रभारी सहायक महानिदेशक (एग्रो-एफ व सीसी), और डॉ. ए. वेलमुरुगन, सहायक महानिदेशक (एसडब्ल्यूएम), गेस्ट ऑफ़ ऑनर के तौर पर मौजूद रहे।

Review and Monitoring Meeting of Foreign-Aided Projects under Natural Resource Management Division Organised

अपने उद्घाटन संबोधन में, डॉ. ए. के. नायक ने भारत के खेती-बाड़ी के माहौल में एबायोटिक स्ट्रेस की चुनौतियों से निपटने में भाकृअनुप-एनआईएएसएम की स्ट्रेटेजिक भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने मुश्किल फील्ड-लेवल के मुद्दों को असरदार तरीके से सुलझाने के लिए अंतर-विषयक, अंतः-विषयक तथा बहु-विषयक अनुसंधान साझेदारी को मज़बूत करने की जरूरत पर ज़ोर दिया। डॉ. नायक ने संस्थागत अनुसंधान प्राथमिकता को एजेंडा 2047 समेत देश के विकास दृष्टिकोन के साथ जोड़ने की अहमियत पर भी ज़ोर दिया।

युवा वैज्ञानिक को रिसर्च इनोवेशन और संस्थागत वृद्धि में सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए बढ़ावा देते हुए, डॉ. नायक ने रिसर्च के नतीजों को आगे बढ़ाने में वैज्ञानिक, स्टूडेंट्स, टेक्निकल स्टाफ़ और सपोर्ट स्टाफ़ के मिलकर किए गए प्रयासों की तारीफ की। इस मौके पर, इंस्टीट्यूट के पब्लिकेशन रिलीज किए गए, और भाकृअनुप-एनआईएएसएम के हाउसकीपिंग स्टाफ को इंस्टीट्यूट के कैंपस और सुविधाओं को बनाए रखने में उनकी डेडिकेटेड सर्विस के लिए सम्मानित किया गया।

उद्घाटन सेशन के बाद, डॉ. ए.के. नायक की अध्यक्षता में टेक्निकल सेशन हुए, जहाँ प्रतिभागियों ने प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की और अलग-अलग भाकृअनुप इंस्टीट्यूट्स में पूरे हो चुके, चल रहे और नए शुरू हुए विदेशी मदद वाले प्रोजेक्ट्स के नतीजों पर चर्चा की। इस बातचीत से रिसर्च प्रोग्रेस के क्रिटिकल इवैल्यूएशन, फील्ड-लेवल की चुनौतियों की पहचान और भारतीय खेती में लचीलापन और संधारनीयता बढ़ाने के लिए रणनीतिक दिशाएं बनाने का मौका मिला।

Review and Monitoring Meeting of Foreign-Aided Projects under Natural Resource Management Division Organised

दूसरे दिन, डेलीगेट्स ने भाकृअनुप-एनआईएएसएम के रिसर्च फार्म और लैब्स का दौरा किया ताकि चल रहे एक्सपेरिमेंटल काम और एनआरएम से जुड़े रिसर्च को सपोर्ट करने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में जानकारी मिल सके।

मीटिंग में वै5निक आदान प्रदान, सहयोगात्मक अनुबंध ल्ले तथा आगे का योजना को सफलतापूर्वक आसान बनाया गया, जिससे पूरे भारत में रिसर्च पार्टनरशिप को मजबूत करने और सस्टेनेबल नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट को बढ़ावा देने के लिए भाकृअनुप की प्रतिबद्धता ह#ल्फ्योदोले कमिटमेंट और मजबूत हुआ।

(सोर्स: भाकृअनुप-राष्ट्रीय अजैविक स्ट्रैस प्रबंधन संस्थान, बारामती)

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