19-23 फरवरी, 2024, हिसार
भाकृअनुप-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र ने 19-23 फरवरी, 2024 तक 'प्राथमिकता प्राप्त जूनोटिक रोगों की निगरानी एवं निदान हेतु एकल स्वास्थ्य दृष्टिकोण' पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें पंजाब तथा हरियाणा से 35 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें 21 चिकित्सा अधिकारी, 9 पशु चिकित्सा अधिकारी और 5 प्रयोगशाला तकनीशियन शामिल थे।

The Chief Guest, Prof. Narsi Ram Bishnoi, Vice Chancellor, Guru Jambheshwar University of Science and मुख्य अतिथि, प्रो. नरसी राम बिश्नोई, कुलपति, गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार, ने गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तथा आईसीएआर-एनआरसीई के बीच सहयोगात्मक साझेदारी की सराहना की और जन स्वास्थ्य पहलों को आगे बढ़ाने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।
डॉ. टी.के. भट्टाचार्य, निदेशक, भकृअनुप-एनआरसीई, ने एकल स्वास्थ्य प्रशिक्षण कार्यक्रम के महत्व तथा समकालीन स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान में इसकी समयबद्धता पर ज़ोर दिया। उन्होंने एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से कोविड-19 प्रकोप जैसी हालिया घटनाओं के मद्देनजर, जिसमें मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के बीच अंतर्संबंध के महत्व को रेखांकित किया है।
कार्यक्रम में कुल 78 कर्मचारी और प्रतिभागी शामिल हुए।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, हिसार, हरियाणा)







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