28 फरवरी, 2024, कोलकाता
भाकृअनुप-राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, क्षेत्रीय केन्द्र, कोलकाता ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 के उपलक्ष्य में पश्चिम बंगाल समग्र क्षेत्र विकास निगम (केवीके), सोनामुखी, बांकुरा के सहयोग से एससीएसपी परियोजना के अंतर्गत 'एकीकृत कृषि प्रणाली: जल संकटग्रस्त क्षेत्रों में लाभदायक खेती का एक स्थायी तरीका' विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला-सह-क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया।

इस कार्यक्रम में डॉ. एन.जे. मैत्रा, उप-निदेशक, अनुसंधान, विस्तार एवं फार्म, डब्ल्यूबीयूएएफएस, कोलकाता और वैज्ञानिक, एनबीएसएस एवं एलयूपी, अटारी, कोलकाता भी उपस्थित थे।
डॉ. एस. चट्टराज, नोडल अधिकारी, एससीएसपी परियोजना, ने सरकारी योजना के माध्यम से किसानों को प्रयोगशाला से भूमि तक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण लागू करने में भाकृअनुप की पहल पर ज़ोर दिया।
डॉ. एफ.एच. रहमान, क्षेत्रीय केन्द्र प्रमुख, कोलकाता ने छोटे और सीमांत किसानों तक पहुँचने में एससीएसपी परियोजना के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक एकीकृत कृषि प्रणाली लागू करने की आवश्यकता है जो कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों से किसानों की आय बढ़ाने के सर्वोत्तम विकल्पों में से एक है।
बांकुड़ा जिले के अनुसूचित जाति वर्ग के 30 किसानों सहित कुल 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया तथा मृदा-आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली दृष्टिकोण को अपनाकर कृषि-तकनीकी हस्तक्षेपों पर वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, क्षेत्रीय केन्द्र, कोलकाता)







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