सीतापुर, उत्तर प्रदेश में कृषि महिलाओं के लिए आईएफएस एवं प्रसंस्करण प्रशिक्षण का आयोजन

सीतापुर, उत्तर प्रदेश में कृषि महिलाओं के लिए आईएफएस एवं प्रसंस्करण प्रशिक्षण का आयोजन

25 फरवरी, 2024, सीतापुर

भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद ने कृषि विज्ञान केन्द्र II, सीतापुर, लखनऊ के सहयोग से अनुसूचित जाति उपयोजना, 2023-24 के अंतर्गत 19 से 24 फरवरी, 2024 तक ग्रामीण महिलाओं के लिए 'फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण के माध्यम से किसानों एवं कृषि महिलाओं में उद्यमिता विकास' तथा 'सतत कृषि के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली को बढ़ावा' विषय पर दो कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।

IFS & Processing Training for Farm Women at Sitapur, Uttar Pradesh

मुख्य अतिथि, डॉ. श्रवण कुमार सिंह, उप-निदेशक, कृषि, सीतापुर ने भारत और उत्तर प्रदेश में फलों एवं सब्जियों के उत्पादन, उत्पादकता तथा निर्यात क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने महिला किसानों से अधिक उपज, पोषण सुरक्षा और बेहतर जीवनशैली के लिए विभिन्न फसलें अपनाने का आग्रह किया। डॉ. सिंह ने प्रतिभागियों को फल एवं सब्जी प्रसंस्करण तथा मूल्य संवर्धन के माध्यम से बेहतर आय के लिए उद्यमिता कौशल विकसित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

डॉ. सुधीर शुक्ला, निदेशक, उत्तर प्रदेश गन्ना अनुसंधान परिषद, ने भारत में किसानों की आय दोगुनी करने तथा कुपोषण की समस्या के समाधान हेतु एकीकृत कृषि प्रणालियों की क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रत्येक घटक पर ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य पर भी प्रकाश डाला।

IFS & Processing Training for Farm Women at Sitapur, Uttar Pradesh

डॉ. शालिनी विसेन, निदेशक, एमिटी विश्वविद्यालय, ने फसलों तथा संबद्ध कृषि उद्यमों की सघनता के कारण प्रति इकाई क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने हेतु विभिन्न एकीकृत कृषि प्रणालियों को अपनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। डॉ. विसेन ने आईएफएस मॉडलों को बढ़ावा देने वाली सरकारी योजनाओं और पहलों तथा कृषि में महिलाओं के लिए अवसरों के बारे में जानकारी दी।

डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव, प्रमुख, केवीके-II, सीतापुर, ने पोषण सुरक्षा बढ़ाने, विभिन्न कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण और कटाई-पश्चात प्रबंधन तथा विभिन्न एफपीओ के माध्यम से कृषि उत्पादों के प्रचार हेतु विपणन संबंधों हेतु एकीकृत कृषि प्रणालियों के पहलुओं पर चर्चा की।

किसानों को फल और सब्जी उत्पादन के रुझान, उद्यमिता कौशल, मूल्यवर्धित खाद्य उत्पादों, घरेलू प्रसंस्करण विधियों, एकीकृत कृषि प्रणालियों तथा बागवानी एवं वन फसल मॉडलों के रखरखाव पर प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने मूल्यवर्धित खाद्य उत्पादों, प्रसंस्करण विधियों और बागवानी एवं वन फसलों के रखरखाव के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।

समापन सत्र के दौरान, सभी प्रतिभागियों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।

प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कुल 130 महिला किसानों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद)

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