10 जुलाई, 2025, गोवा
राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस 2025 समारोह के एक भाग के रूप में, भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा ने आज श्री शांतादुर्गा मंदिर तालाब, कावलम, पोंडा में मत्स्य पालन कार्यक्रम का आयोजन किया। इसका उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से लघु देशी मत्स्य प्रजातियों (एसआईएफ) के संरक्षण और मंदिर तालाबों के पुनरुद्धार को बढ़ावा देना है।

डॉ. परवीन कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई ने उद्घाटन संबोधन दिया, जिसके बाद श्री संतोष कुमार रेड्डी, आईएफएस, उप वन संरक्षक, और डॉ. सी. यू. रिवोंकर, गोवा विश्वविद्यालय ने अपने विचार व्यक्त किए।
तालाबों और मंदिर तालाबों में मत्स्य संरक्षण और स्वदेशी मत्स्य संरक्षण पर व्याख्यान भी दिए गए। मोला कार्पलेट, मालाबार डैनियो, ऑलिव बार्ब, फिलामेंट बार्ब आदि सहित 12 एसआईएफ प्रजातियों के 500 से अधिक फिंगरलिंग्स को मंदिर के तालाब में छोड़ा गया।

इस पहल ने सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से सतत अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जैव विविधता संरक्षण के प्रति भाकृअनुप-सीसीएआरआई की प्रतिबद्धता को पुष्ट किया।
इस कार्यक्रम में मंदिर प्रबंधन समिति, ग्रामीणों और स्कूली छात्रों सहित 30 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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