22 अगस्त, 2025, कोच्चि
डॉ. जे.के. जेना, उप-महानिदेशक (मत्स्य पालन), भाकृअनुप ने आज भाकृअनुप-केन्द्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान, वेरावल क्षेत्रीय स्टेशन में भारत के पहले समुद्री कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी केन्द्र का उद्घाटन किया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा वित्त पोषित, यह केन्द्र समुद्री कृषि उद्यमिता के माध्यम से सिद्दी आदिवासी समुदाय को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है। यह पहल इस बात का एक सशक्त उदाहरण है कि कैसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी स्थायी आजीविका का सृजन कर सकते हैं और तटीय समुदायों का प्रत्यक्ष रूप से उनके जीवन स्तर को बेहतर बना सकते हैं।

अपने उद्घाटन संबोधन में, डॉ. जेना ने कहा कि यह केन्द्र देश के नीली अर्थव्यवस्था मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने आगे कहा कि यह सिद्दी समुदाय को सफल उद्यमी बनने के लिए उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान करेगा, गुजरात में एक मजबूत समुद्री कृषि मॉडल का निर्माण करेगा और समावेशी विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगा।
डॉ. ग्रिंसन जॉर्ज, निदेशक, भाकृअनुप-सीएमएफआरआई ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि 'यह केन्द्र इस बात का एक अनूठा उदाहरण है कि कैसे विज्ञान तटीय समुदायों का प्रत्यक्ष उत्थान कर सकता है और भारत के सतत विकास लक्ष्यों के साथ संरेखित हो सकता है।'

उद्घाटन समारोह में डॉ. जॉर्ज निनान, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि; मत्स्य विभाग, एमपीईडीए, निर्यात उद्योग संघ, बंदरगाह अधिकारी, तटीय पुलिस वेरावल तथा भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों के साथ-साथ मत्स्य पालन क्षेत्र के वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों एवं हितधारकों सहित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर, अतिथियों ने अनुसंधान एवं प्रशिक्षण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए स्थापित अनुकूलित समुद्री कृषि अनुसंधान पोत सहित नव स्थापित सुविधाओं का दौरा किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान, कोच्चि)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें