विभिन्न फसलों के लिए नैनो उर्वरकों के साथ ड्रोन छिड़काव पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

विभिन्न फसलों के लिए नैनो उर्वरकों के साथ ड्रोन छिड़काव पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

26 अगस्त, 2025, हैदराबाद

किसानों में ड्रोन आधारित कृषि तकनीकों, विशेष रूप से नैनो उर्वरकों के साथ ड्रोन छिड़काव के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए आज रंगारेड्डी जिले के कंदुकुरु मंडल के नेदुनुरु गाँव में एक जागरूकता कार्यक्रम तथा प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कृषि विभाग, भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, रंगारेड्डी तथा भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।

कार्यक्रम में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि ड्रोन तकनीक केवल एक छिड़काव उपकरण नहीं है, बल्कि एक परिवर्तनकारी नवाचार है जो किसानों के सामने आने वाली कई चुनौतियों का समाधान करता है। इस बात पर ज़ोर दिया गया कि ड्रोन प्रतिकूल कृषि परिस्थितियों में भी समय पर इनपुट का उपयोग सुनिश्चित करते हैं, शारीरिक श्रम पर निर्भरता कम करते हैं, रसायनों के सीधे संपर्क को कम करके किसानों के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं, और सटीक इनपुट प्रबंधन को सक्षम बनाते हैं, जिससे संसाधनों की बचत होती है तथा पोषक तत्वों के उपयोग की दक्षता में सुधार होता है।

ड्रोन छिड़काव के लाभों पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें उर्वरकों तथा कीटनाशकों का एक समान छिड़काव, फसल के प्रत्येक भाग का समान उपचार, तथा समय व प्रयास की महत्वपूर्ण बचत शामिल है। मैन्युअल छिड़काव में लगने वाले कई घंटों की तुलना में बड़े क्षेत्रों को मिनटों में कवर किया जा सकता है।

विभिन्न फसलों में नैनो-उर्वरकों की भूमिका के बारे में भी बताया गया। चावल की खेती में, नैनो-उर्वरकों को पौधों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने एवं कीटों के प्रति प्राकृतिक प्रतिरोध को बढ़ाने के लिए जाना गया। इनका धीमा और नियंत्रित उत्सर्जन तंत्र, जल-गहन फसलों में निक्षालन एवं अपवाह के कारण होने वाले पोषक तत्वों के नुकसान को कम करने में मदद करता है, जिससे पूरे फसल चक्र में पोषक तत्वों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित होती है।

मक्के में, मजबूत वृद्धि तथा पत्ती विकास के लिए सक्रिय वानस्पतिक अवस्था (बुवाई के 25-30 दिन बाद) के दौरान नैनो यूरिया के प्रयोग के महत्व पर प्रकाश डाला गया। टैसेलिंग से सिल्किंग अवस्था के दौरान दूसरा छिड़काव दानों के भरने में सहायक होता है और अंतिम उपज में सुधार करता है।

परिशुद्ध कृषि के विस्तार के संदर्भ में चावल एवं कपास जैसी फसलों में ड्रोन छिड़काव की क्षमता पर भी चर्चा की गई। ड्रोन को ऐसे उपकरणों के रूप में रेखांकित किया गया जो इनपुट का सटीक, एकसमान तथा समय पर उपयोग सुनिश्चित करते हैं, जिससे अपव्यय कम होता है एवं संसाधनों का अधिकतम उपयोग होता है। इससे छोटे तथा मध्यम किसान सटीक कृषि पद्धतियों को अपनाकर उत्पादकता तथा स्थिरता में सुधार कर सकते हैं।

इस कार्यक्रम में ड्रोन सेवाओं और नैनो-उर्वरकों को अपनाने के लिए सरकारी सहायता योजनाओं, सब्सिडी एवं प्रशिक्षण के अवसरों पर किसानों के साथ बातचीत भी की गई। कृषि विभाग के निरंतर मार्गदर्शन के आश्वासन के साथ किसानों को इन तकनीकों को धीरे-धीरे अपनी प्रथाओं में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

किसानों के खेतों में नैनो उर्वरकों के साथ ड्रोन छिड़काव का लाइव प्रदर्शन किया गया, जिसमें सात किसानों (चार मक्का और तीन चावल उत्पादक) ने प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया।

कुल मिलाकर, लगभग 30 किसानों ने कार्यक्रम में भाग लिया तथा चर्चाओं एवं प्रदर्शनों में सक्रिय रूप से भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)

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