यूएएस, बेंगलुरु में 11वीं इंडियन हॉर्टिकल्चरल कांग्रेस का उद्घाटन

यूएएस, बेंगलुरु में 11वीं इंडियन हॉर्टिकल्चरल कांग्रेस का उद्घाटन

6 नवंबर, 2025, बेंगलुरु

भारतीय बागवानी विज्ञान कांग्रेस के 11वें एडिशन का उद्घाटन आज कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, जीकेवीके, बेंगलुरु में पद्म भूषण डॉ. आर.एस. परोदा, पूर्व सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने किया। उद्घाटन सेशन की अध्यक्षता डॉ. एम.एल जाट, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप), ने की।

इस इवेंट में कई जाने-माने लोग मौजूद थे, जिनमें डॉ. एस.के. सिंह, अध्यक्ष, भारतीय बागवानी विज्ञान अकादमी एवं उप-महानिदेशक (बागवानी विज्ञान), भाकृअनुप; डॉ. एस.वी सुरेशा, कुलपति, यूएएस, बेंगलुरु; डॉ. भीमू पाटिल, टेक्सास यूनिवर्सिटी, यूएसए; श्री मोहम्मद सलीम मोहम्मद अली, सीईओ, इंटरनेशनल ट्रॉपिकल फ्रूट्स नेटवर्क, मलेशिया; डॉ. विष्णुवर्धन, कुलपति, बागवानी विज्ञान विश्वविद्यालय, बागलकोट, शामिल थे। डॉ. एस. के. मल्होत्रा, कुलपति, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय, करनाल; डॉ. टी.के. बेहरा, भाकृअनुप-आईआईएचआर, बेंगलुरु; डॉ. प्रभात कुमार, बागवानी कमिश्नर, भारत सरकार; डॉ. वी.बी. पटेल, राष्ट्रीय आयोजन सचिव तथा सहायक महानिदेशक (बागवानी विज्ञान), भाकृअनुप; और डॉ. एम.बी. प्रकाश, डीन, जीकेवीके, यूएएस, बेंगलुरु, के साथ-साथ भारतीय हॉर्टिकल्चर के कई दिग्गज मौजूद थे।

11th Indian Horticultural Congress Inaugurated at UAS, Bengaluru

अपना अध्यक्षीय संबोधन में, डॉ. एम.एल. जाट ने वैज्ञानिकों से कहा कि वे अनुसंधान एवं नई खोज की कोशिशों को पोषक तत्व से भरपूर, मौके देने वाली और पारंपरिक फसलों पर फोकस करें, जो क्षेत्रीय खाद्य व्यवस्था को मजबूत कर सके साथ ही लोगों के स्वास्थ्य के नतीजों को बेहतर बना सके। उन्होंने बड़े पैमाने पर सहयोग की अहमियत पर जोर दिया, और कृषि संबंधी अनुसंधान को पोषण और रोजी-रोटी से सीधे जोड़ने के लिए बायो फोर्टिफाइड फसलों पर ट्रांसलेशनल रिसर्च के लिए आसीएमआर के साथ चल रही बातचीत पर रोशनी डाली।

डॉ. जाट ने प्रधानमंत्री द्वारा कृषि क्षेत्र के लिए बताए गए तीन कामों को दोहराया, जिसमें बायो फोर्टिफाइड फसलों, जैवविविधता का इस्तेमाल और मिट्टी के स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए जैव आधारित लागत के इस्तेमाल पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने आगे इस बात पर ज़ोर दिया कि अलग-अलग क्षेत्र में काम करने की ज़रूरत है और अन्वेषण से लेकर पहुंच तक पूरे व्यवस्था में समन्वित, बहु-संस्थानिक टीमें बनाने की ज़रूरत है। उन्होंने भारत के कृषि पारिस्थितिकी तंत्र को 'टुकड़ों में काम करने' से आगे बढ़कर एक समावेशी व्यवस्था के तौर पर काम करने की अपील की, जो सरकारी तथा निजी क्षेत्र की ताकतों को मिलाए।

डॉ. जाट ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने हाल ही में कई नए प्रोग्राम शुरू किए हैं, जिनमें क्लीन प्लांट मटेरियल मिशन, ज्यादा पैदावार वाली बीजों पर मिशन और देश की जेनेटिक विविधता को सुरक्षित रखने और भविष्य की संभावित चुनौतियों के लिए तैयारी बढ़ाने के लिए वैकल्पिक जीन बैंक बनाना शामिल है।

11th Indian Horticultural Congress Inaugurated at UAS, Bengaluru

अपने उद्घाटन संबोधन में, मुख्य अतिथि, डॉ. आर.एस. परोदा, पूर्व महानिदेशक, भाकृअनुप, तथा पद्म भूषण अवार्डी, ने भारत में बागवानी उत्पादन में हुई अच्छी बढ़ोतरी को देखते हुए, भागवानी कांग्रेस का समय पर आयोजन को माना। उन्होंने कहा कि यह शानदार तरक्की किसानों, वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं और दूसरे भागीदारों की मिली-जुली कोशिशों से हुई है। डॉ. परोदा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पोषण सुरक्षा पाने में बागवानी क्षेत्र की अहम भूमिका रही है, उन्होंने बताया कि पिछले दो दशकों में, प्रति व्यक्ति फल एवं सब्जियों की खपत 4 kg से बढ़कर 9 kg प्रति माह हो गई है, जबकि हॉर्टिकल्चरल प्रोडक्शन अब अनाज प्रोडक्शन से भी आगे निकल गया है। उन्होंने मज़बूत पॉलिसी सपोर्ट, मानव संसाधन विकास, अनुसंधान का व्यवसायीकरण, कटाई के बाद नुकसान कम करने, मूल्य संवर्धन, और एक्सपोर्ट पर नए सिरे से ध्यान देने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया, खासकर मसालों तथा उच्च मूल्य वाले फसलों पर।

डॉ. एस.के. सिंह ने चार दिन की कॉन्फ्रेंस का अवलोकन प्रस्तुत किया और भारत के  बागवानी सेक्टर के विकास में इंडियन एकेडमी ऑफ हॉर्टिकल्चरल साइंसेज के योगदान पर रोशनी डाली।

इस मौके पर, हॉर्टिकल्चरल रिसर्च और डेवलपमेंट में शानदार योगदान के लिए कई अवॉर्ड और सम्मान दिए गए।

आएएचएस फेलोशिप, कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ के पद्म श्री श्री अमल महालिंग नायक को दी गई, जिन्होंने ज़ीरो-एनर्जी माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम के साथ एक ऑर्गेनिक कृषि फार्म डेवलप किया है।

आएएचएस डॉ. के.एल. चड्ढा मेमोरियल अवॉर्ड हॉर्टिकल्चरल रिसर्च और डेवलपमेंट में बेहतरीन काम के लिए डॉ. नारायण चावड़ा को दिया गया।

11th Indian Horticultural Congress Inaugurated at UAS, Bengaluru

शिव शक्ति लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, डॉ. वी.ए. पार्थसारथी और डॉ. डब्ल्यू.एस. ढिल्लों को हॉर्टिकल्चर साइंस में उनके खास योगदान के लिए दिया गया।

इवेंट के दौरान, गुलाब और चाइना एस्टर की दो नई किस्में अर्का वीराराघवन और अर्का अरीना रिलीज़ की गईं। कमलम (ड्रैगन फ्रूट) की खेती पर टेक्निकल इनपुट, कैपेसिटी-बिल्डिंग प्रोग्राम और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए भाकृअनुप-आईआईएचआर तथा उत्तर प्रदेश सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी साइन किया गया।

(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु)

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