10 जुलाई, 2022, बाक्सा जिला, असोम
मछुआरों और मछली किसानों के बीच पर्यावरणीय स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए, भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, गुवाहाटी, असम ने आज चरण बिल, बाक्सा जिला, असम में "बाढ़ के बाद पर्यावरण निगरानी शिविर" का आयोजन किया।
डॉ. बी.के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएफआरआई, बैरकपुर ने कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य को रेखांकित किया।
डॉ राजेश कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन - VI, गुवाहाटी एवं डॉ. बी.के. भट्टाचार्य, प्रमुख, भाकृअनुप-सीआईएफआरआई, क्षेत्रीय केंद्र, गुवाहाटी ने आदिवासी मछुआरों और अन्य हितधारकों के साथ बाढ़ की स्थिति के बारे में बातचीत की। उन्होंने प्रतिभागियों को, मत्स्य पालन के दृष्टिकोण से पर्यावरण स्वास्थ्य प्रबंधन के महत्व के बारे में अवगत कराया।
कार्यक्रम में, धुलबाड़ी चरणपार जनजाति उन्नयन समिति, देउलकुची के तहत मोहल्ले के 50 से अधिक आदिवासी मछली किसानों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, कोलकाता)
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