21 सितंबर, 2025, बाड़मेर
आज, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) की एससीएसपी योजना के अंतर्गत, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप)-भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय बाजरा अनुसंधान केन्द्र, गुड़ामालानी, बाड़मेर में बाजरा प्रौद्योगिकी प्रदर्शन एवं कृषक सम्मेलन 2025 का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में त्री श्री भागीरथ चौधरी, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मं उपस्थित थे और अध्यक्षता, डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने की। इस अवसर पर श्री कैलाश चौधरी, पूर्व केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, डॉ. डी.के. यादव, उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान), भाकृअनु, तथा डॉ. तारा सत्यवती, निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद भी उपस्थित थीं।
अपने संबोधन में, श्री भागीरथ चौधरी ने बुनियादी ढाँचे के शीघ्र निर्माण और किसान-केन्द्रित विकास के लिए मंत्रालय की ओर से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
डॉ. जाट ने गुड़ामलानी को जीरा, सरसों, अरंडी तथा अनार जैसी क्षेत्र-विशिष्ट फसलों के अनुसंधान केन्द्र के रूप में विकसित करने पर ज़ोर दिया, साथ ही वैज्ञानिक मानव संसाधन को समृद्ध करना सुनिश्चित किया।
डॉ. यादव ने बाजरा सुधार के लिए केन्द्र के महत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. सत्यवती ने जलवायु-अनुकूल जीनोटाइप के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले अनुसंधान का आश्वासन दिया।

गणमान्य व्यक्तियों ने चल रहे प्रशासनिक और प्रयोगशाला भवन निर्माण कार्यों का दौरा किया और सीपीडब्ल्यूडी से इस वर्ष के भीतर कार्य शीघ्र पूरा करने का आग्रह किया। उन्होंने टीएसपी योजना के तहत श्री अन्न प्रौद्योगिकी प्रदर्शन पार्क की आधारशिला भी रखी, जिसमें एक आधुनिक प्रशिक्षण हॉल और प्रदर्शन सुविधाएं होंगी।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रदर्शनियों और प्रक्षेत्र प्रदर्शनों के माध्यम से उन्नत श्री अन्न प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करना था। राजस्थान में भाकृअनुप संस्थानों, निजी बीज कंपनियों और एफपीओ द्वारा कुल 30 प्रदर्शनी स्टॉल लगाए गए थे। किसानों ने उत्साहपूर्वक वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की और बिस्कुट, कुकीज़ तथा रबड़ी जैसे बाजरा-आधारित मूल्यवर्धित उत्पादों का स्वाद चखा।
इस अवसर पर, 600 अनुसूचित जाति के किसानों को अनाज की सुरक्षा और खेत में उपयोग के लिए 6x6 मीटर के तिरपाल प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम में 1000 से अधिक किसानों और हितधारकों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)
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