5 सितंबर, 2025, कोलकाता
भाकृअनुप-राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान ने भारतीय जूट उद्योग अनुसंधान संघ (आईजेआईआरए), कोलकाता में आयोजित एक बैठक में केन्द्रीय कपड़ा मंत्री, श्री गिरिराज सिंह की उपस्थिति में अपने नवीनतम नवाचारों का प्रदर्शन किया।
उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, श्री गिरिराज सिंह ने जूट तथा संबद्ध प्राकृतिक रेशों में हुई हालिया प्रगति की सराहना की और कहा कि भाकृअनुप-एनआईएनएफईटी, भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ तथा आईजेआईआरए जैसे संस्थान प्राकृतिक रेशा उद्योग की उभरती मांगों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सतत प्राकृतिक रेशा उत्पादन में भारत की स्थिति को मज़बूत करने हेतु निरंतर नवाचार एवं प्रौद्योगिकी अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में, श्रीमती पद्मिनी सिंगला, संयुक्त सचिव (फाइबर), वस्त्र मंत्रालय, श्री मोलॉय चंदन चक्रवर्ती, जूट आयुक्त, श्री शशि भूषण सिंह, सचिव एवं सीईओ, राष्ट्रीय जूट बोर्ड के साथ-साथ निदेशक आईजेआईआरए तथा भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

भाकृअनुप-एनआईएनएफईटी ने तीन महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां प्रस्तुत कीं:
•छोटे उद्यमों के लिए जूट और संबद्ध रेशों के प्रसंस्करण हेतु आधुनिक मिनी स्पिनिंग मशीनरी,
•वैज्ञानिक और कुशल रेशों की ग्रेडिंग के लिए एआई-आईओटी सक्षम जूट रेशा ग्रेडिंग प्रणाली, और
•कम पानी के उपयोग से उच्च गुणवत्ता वाले जूट रेशों के निष्कर्षण हेतु न्यूनतम जल अपघटन तकनीक।
इस अवसर पर, दो समझौता ज्ञापनों (एमओए): एक आधुनिक मिनी स्पिनिंग मशीनरी के व्यावसायीकरण के लिए भौमिक कैलकुलेटर्स के साथ, और दूसरा एआई-आईओटी सक्षम जूट फाइबर ग्रेडिंग सिस्टम के लिए न्यूरैप्सेस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ पर हस्ताक्षर किया गया। आगामी 'राष्ट्रीय प्राकृतिक फाइबर उत्सव (एनएनएफ-2025)' की एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया।
निदेशक, आईजेआईआरए ने संस्थान के हालिया तकनीकी विकास पर भी प्रकाश डाला तथा उद्योग-उन्मुख अनुसंधान एवं नवाचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कोलकाता)
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