10 नवंबर, 2022, अविकानगर
भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में देश के भेड़-बकरी तथा खरगोश पालक किसानों के लिए 10 से 12 नवम्बर, 2022 तक 3 दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन के साथ शुरुआत किया गया।
डॉ. अरुण कुमार तोमर, निदेशक, केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर ने बताया की वर्तमान एवं भविष्य के बदलते परिदृश्य में छोटे जुगाली करने वाले पशुओं जैसे - भेड़, बकरी एवं खरगोश आदि के द्वारा अधिकतम उत्पादन के विषय पर देश भर के वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, प्रगतिशील किसानों, उद्यमी तथा संस्थान द्वारा विस्तार से वैज्ञानिक दृष्टिकोण आधारित व्याख्यानों एवं पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया की राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि, डॉ. ए.के. श्रीवास्तव पूर्व चैयरमेन एएसआरबी नई दिल्ली तथा वाइस चांसलर, मथुरा पशु विश्वविद्यालय एवं विशिष्ट अतिथि गण, डॉ. ए.के. गहलोत, पूर्व वाईस चांसलर, राजूवास बीकानेर; डॉ. वी. सक्सेना, सहायक महानिदेशक, नई दिल्ली; डॉ. डी.के. शर्मा, निदेशक, केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम मथूरा; डॉ. रणधीर सिंह भट्ट, राष्ट्रीय सेमिनार आयोजन सचिव; डॉ. गोपाल दास, इसगपू सोसाइटी सचिव, विभिन्न भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के संस्थानों के निदेशक तथा विभिन्न पशु एवं कृषि विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर आदि ने भी भाग लिया। डॉ. तोमर ने सभी अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर सम्मेलन में स्वागत किया। निदेशक ने सभी अतिथियों को संस्थान के पशुओं एवं अविशान भेड़ की उत्पादन क्षमता के बारे में विस्तार से अवगत कराया।
राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं वार्षिक सम्मेलन में पधारे सभी अतिथि गणों को संबोधित करते हुए, निदेशक ने बताया की अविकानगर संस्थान देश भर के किसानों के साथ जुड़कर भेड़-बकरी व खरगोश पालन पर उन्नत तकनीकियों, उन्नत पशुओं आदि का वितरण तथा वर्ष भर संस्थान द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं (टीएसपी, एससीएसपी, फार्मर फर्स्ट, मेगा शीप सीड परियोजना व स्थानांनतरण विभाग आदि) के माध्यम से इस पर कार्य करता आ रहा है। डॉ. तोमर ने बताया की संस्थान की अविशान भेड़, देश में में 45 प्रतिशत तक भेड़ के माँस की पैदावार बढ़ा कर माँस उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति लाएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ब्रुसेलोसिस बीमारी के रोक-थाम के लिए इस पर काम करने की जरूरत है। क्योंकि, यह बीमारी हमारे पशुधन उत्पादन में आर्थिक नुकसान कर रही ।
कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि एवं अन्य सम्मानित अतिथियों ने राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए, देश के प्रधानमंत्री की भावी सोच की गरीब किसानों का आर्थिक विकास करने में पशुधन का महत्वपूर्ण योगदान है, इस बात को उजागर किया।
राष्ट्रीय सेमिनार एवं वार्षिक सम्मेलन के आयोजन सचिव, डॉ. रणधीर सिंह भट्ट, प्रधान वैज्ञानिक अविकानगर ने बताया की सेमिनार में 15 से ज्यादा राज्यों के 350 से 400 वैज्ञानिको, शिक्षाविदों व प्रगतिशील किसानों भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी अपने क्षेत्र के भेड़-बकरी पालन, उन्नत तकनीकियों एवं वैज्ञानिक संवाद द्वारा अपने विचार साझा करेंगें। इस सेमिनार के तहत अविकानगर संस्थान द्वारा कृषि और पशुपालन के विभिन्न आयामों से संबंधित प्रदर्शनियां लगाई जा रही है।
इसगपु सोसाइटी सचिव, डॉ. गोपाल दास ने सोसाइटी की वर्ष भर की जाने वाली गतिविधियों का विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, डॉ. ए.के. श्रीवास्तव को इसगपु सोसाइटी की ओर से लाइफ टाइम अचिवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। साथ में इसगपु सोसाइटी की ओर से इसगपु फैलो अवार्ड से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डॉ. बी.एन. त्रिपाठी, उप महानिदेशक पशुविज्ञान नई दिल्ली; डॉ. सी. पी. स्वर्णकार; डॉ. गोपाल दास एवं डॉ. थिरुवेंकदां को भी सम्मानित किया गया। साथ ही डॉ. विनोद कदम एवं डॉ. आसिफ सोफी को मिडिल करियर अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस प्रकार इसगपु सोसाइटी की ओर से इसगपु जनरल में प्रकाशित तीन बेस्ट शोध पेपर के लिए डॉ. सी.पी. स्वर्णकार; डॉ. एम. रामचंद्रन एवं डॉ.. ए.के. मिश्रा को भी सम्मानित किया गया।
(भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर, मालपुरा)
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