22 सितंबर, 2025, नई दिल्ली
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने आज नई दिल्ली में कृषि प्रौद्योगिकी में ब्राजील-भारत क्रॉस-इन्क्यूबेशन कार्यक्रम (मैत्री 2.0) के दूसरे संस्करण का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में, डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप), तथा भारत में ब्राजील के राजदूत महामहिम श्री केनेथ नोब्रेगा, के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारी और ब्राजील के प्रमुख अनुसंधान एवं नवाचार संस्थानों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

डॉ. जाट ने भारत एवं ब्राज़ील के बीच 77 वर्षों से चली आ रही साझेदारी पर प्रकाश डाला और ब्रिक्स तथा जी20 जैसे वैश्विक मंचों पर उनके साझा जुड़ाव पर ज़ोर दिया। उन्होंने हाल ही में हुए भाकृअनुप-एम्ब्रापा समझौता ज्ञापन को कृषि-खाद्य मूल्य श्रृंखला में सहयोग को आगे बढ़ाने हेतु एक मील का पत्थर बताया। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक कृषि संबंधों को याद करते हुए, उन्होंने पूरकताओं की शक्ति और नवाचार-आधारित विकास के महत्व पर ज़ोर दिया। डॉ. जाट ने भाकृअनुप के उस परिवर्तन पर भी ज़ोर दिया जिसमें 1996 में सिर्फ़ 74 पेटेंट हासिल करने से लेकर इनक्यूबेशन केन्द्रों और 5,000 से ज़्यादा लाइसेंसिंग समझौतों के ज़रिए सालाना 1,800 से ज़्यादा पेटेंट दाखिल करने तक का सफ़र शामिल है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि व्यवसायीकरण को राजस्व-आधारित अभ्यास के बजाय किसानों और अंतिम उपयोगकर्ताओं को सार्वजनिक-वित्त पोषित नवाचार प्रदान करने के रूप में देखा जाना चाहिए।
मैत्री 2.0 को एक दो-तरफ़ा शिक्षण मंच बताते हुए, डॉ. जाट ने भारतीय और ब्राज़ीलियाई नवप्रवर्तकों के बीच सह-निर्माण को बढ़ावा देने तथा वैश्विक खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक समावेशी, नवाचार-संचालित कृषि-खाद्य पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए भाकृअनुप की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
श्री नोब्रेगा ने भाकृअनुप की पहल की सराहना की और भारत एवं ब्राज़ील के कृषि-तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्रों के बीच तालमेल के रणनीतिक महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि मैत्री 2.0 व्यापक ब्राज़ील-भारत रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है, जो कृषि, उभरती प्रौद्योगिकियों तथा खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में सहयोग को आगे बढ़ाने के दोनों देशों के नेतृत्व के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

डॉ. चेरुकमल्ली श्रीनिवास राव, निदेशक एवं कुलपति, भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, ने 400 से अधिक कृषि-स्टार्टअप्स को संस्थान द्वारा दिए जा रहे समर्थन पर प्रकाश डाला, जिससे नवाचारों को स्केलेबल व्यावसायिक मॉडल में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "कृषि को आजीविका तथा व्यवसाय, दोनों के रूप में देखा जाना चाहिए।"
ब्राज़ीलियाई प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए, डॉ. नीरू भूषण, सहायक महानिदेशक (आईपीटीएम), ने जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और सतत गहनता की आवश्यकता जैसी साझा चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम की प्रासंगिकता को समझाया।
कार्यक्रम का समापन, डॉ. विश्वनाथन श्रीनिवासन, संयुक्त निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई, के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने में भाकृअनुप तथा ब्राजील दूतावास के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की।

दोनों देशों के स्टार्टअप्स, नवप्रवर्तकों और संस्थानों को एक साथ लाकर, मैत्री 2.0 का उद्देश्य इनक्यूबेटर संबंधों को मजबूत करना, सह-इनक्यूबेशन को बढ़ावा देना, सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना साथ ही टिकाऊ कृषि, डिजिटल तकनीकों और मूल्य-श्रृंखला विकास में नए अवसर पैदा करना है, जिससे लचीली एवं समावेशी खाद्य प्रणालियों का मार्ग प्रशस्त होगा।
(स्रोत: अंतर्राष्ट्रीय संबंध प्रभाग, भाकृअनुप)
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