भाकृअनुप-पूर्वी क्षेत्र के लिए अनुसंधान संस्थान, पटना ने अपना स्थापना दिवस मनाया

भाकृअनुप-पूर्वी क्षेत्र के लिए अनुसंधान संस्थान, पटना ने अपना स्थापना दिवस मनाया

22 फरवरी, 2023, पटना

भाकृअनुप-पूर्वी क्षेत्र के लिए अनुसंधान संस्थान, पटना,  बिहार ने आज "पूर्वी भारत में पोषण संबंधी सुरक्षा के लिए मिलेट" थीम के तहत अपना 23वां फाउंडेशन दिवस मनाया।

मुख्य अतिथि, डॉ. एन. श्रवन कुमार, सचिव, कृषि विभाग तथा पशु एवं मछली संसाधन विभाग, बिहार सरकार ने बेहतर अनुसंधान और प्रौद्योगिकी संवर्धन के लिए भाकृअनुप, राज्य सरकार और कृषि विश्वविद्यालयों के बीच सहयोगी अनुसंधान को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और किसानों का समर्थन करने के लिए जलवायु-अनुकूल फसल उत्पादन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कृषि उद्देश्यों के लिए बंजर भूमि के उपयोग तथा उसके विकास करने पर भी जोर दिया। उन्होंने टिकाऊ कृषि के लिए नई तकनीकों को अपनाने तथा जैविक फसल उत्पादन के लिए 'जैविक गलियारे, और कार्बनिक खेती को अपनाने के लिए कार्बनिक गलियारे का निर्माण तथा किसानों के लिए बिहार में कृषि के चौथे रोड मैप में बाजार की सुविधाओं को शामिल करने के साथ-साथ प्रकृतिक खेती को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना था।

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डॉ. रमेश्वर सिंह, कुलपति, बीएएलयू, पटना ने एकीकृत पोषक तत्व और खेती प्रबंधन, संतुलित निषेचन, सटीक कृषि और प्रौद्योगिकियों को पशुधन उत्पादन में सुधार को उजागर किया।

डॉ. बी.एस. महापात्रा, कुलपति, बीसीकेवी, कूचबेर ने बाजरा उत्पादन और प्रसंस्करण के साथ -साथ इसके पोषण संबंधी लाभों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों और किसानों की आजीविका के स्थायी उपयोग के लिए विभिन्न संसाधन संरक्षण उपायों पर भी जोर दिया।

डॉ. अंजनी कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), पटना, बिहार ने पोषक अनाज के पोषण संबंधी महत्व पर जोर दिया और मिड-डे भोजन कार्यक्रमों में पोषक अनाज को अपनाने पर जोर दिया।

डॉ. बिकास दास, निदेशक, भाकृअनुप-एनआरसी लीची, मुजफ्फरपुर ने अधिक टिकाऊ और जलवायु-तैयार कृषि के लिए फार्मिंग सिस्टम मोड में काम करने का आग्रह किया।

श्री अनिल कुमार झा, संयुक्त सचिव, कृषि विभाग तथा श्री संजय कुमार सिंह, संयुक्त सचिव, कृषि विभाग, बिहार सरकार ने भी सभा को संबोधित किया और सभी पूर्वी राज्यों के किसानों को एक मंच पर लाने और अन्य सभी संगठनों को आमंत्रित करके फाउंडेशन डे का जश्न मनाने में संस्थान के प्रयास की सराहना की।

डॉ. विलास ए टोनैपी, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएमआर, हैदराबाद ने "भारत के बाजरा बदलाव: वर्तमान स्थिति और अवसर" पर फाउंडेशन दिवस व्याख्यान दिया। उन्होंने पोषक अनाज के महत्व और पोषण संबंधी रचना पर प्रकाश डाला और बाजरा के साथ खाद्य प्लेटों के विविधीकरण पर जोर दिया। उन्होंने पोषण सुरक्षा के लिए पोषक अनाज (श्री अन्न) को मुख्यधारा में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया और आजीविका में सुधार करने के लिए इसके योगदान को रेखांकित किया। डॉ. टोनपी ने मोटे अनाज की उपज क्षमता, आनुवंशिकी तथा इसके प्रसंस्करण के सुधार के लिए भविष्य के अनुसंधान पर भी प्रकाश डाला।

इससे पहले, गणमान्य लोगों का स्वागत करते हुए, डॉ. अनूप दास, निदेशक, भाकृअनुप-आरसीईआर, पटना ने 23 वें फाउंडेशन डे के अवसर पर कर्मचारी को बधाई दी, पिछले एक वर्ष के दौरान भाकृअनुप-आरसीईआर की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

वर्ष 2022 के दौरान संस्थान के कुल 14 कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया था। पूर्वी राज्यों के लगभग 56 प्रगतिशील किसान नामतः असम, बिहार, छत्तीसगढ़, पूर्वी यूपी, झारखंड ओडिशा और पश्चिम बंगाल को भी इस अवसर के दौरान कृषि में उनके योगदान के लिए निहित किया गया था।

(स्रोत: भाकृअनुप-पूर्वी क्षेत्र के लिए अनुसंधान संस्थान, पटना)

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