भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा ने केरल के जनजातीय किसानों के कौशल विकास के लिए केवीएएसयू के सहयोग से एसटीसी फंड के तहत एक लघु-स्तरीय डेयरी प्रसंस्करण इकाई की स्थापना

भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा ने केरल के जनजातीय किसानों के कौशल विकास के लिए केवीएएसयू के सहयोग से एसटीसी फंड के तहत एक लघु-स्तरीय डेयरी प्रसंस्करण इकाई की स्थापना

19 सितम्बर, 2022, वनियमपरा, त्रिशूर

भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, इला, ओल्ड गोवा, गोवा ने केरल के तटीय जिलों के अनुसूचित जनजाति के किसानों के कौशल विकास के लिए केरल पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (केवीएएसयू), केरल के सहयोग से एक लघु-स्तरीय डेयरी प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की।

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केरल के त्रिशूर जिले के वनियमपरा गांव में आज लघु डेयरी प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन किया गया।

प्रो. एम.आर. शशिन्द्रनाथ, कुलपति, केवीएएसयू; डॉ. परवीन कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति, केवीएएसयू और स्थानीय ग्राम पंचायतों ने इस अवसर पर शिरकत की।

निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई ने वैज्ञानिकों की टीम के साथ आदिवासी बस्तियों का दौरा किया और केरल की अनुसूचित जनजातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और अनुसंधान हस्तक्षेप की जरूरतों के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करने के लिए किसानों के साथ बातचीत की।

उद्घाटन के क्रम में, डेयरी प्रौद्योगिकी विभाग, वर्गीज कुरियन इंस्टीट्यूट ऑफ डेयरी एंड फूड टेक्नोलॉजी (वीकेआईडीएफटी), मन्नुथी, केरल में "मूल्य वर्धित दुग्ध उत्पाद" पर त्रिशूर जिले के सात आदिवासी बस्तियों के आदिवासी किसानों के लिए विभिन्न बैचों में कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किए गए।

(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, इला, पुराना गोवा, गोवा)

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