"भारत में बतख अनुसंधान - आगे का रास्ता" पर विचार मंथन बैठक आयोजित

"भारत में बतख अनुसंधान - आगे का रास्ता" पर विचार मंथन बैठक आयोजित

4 जुलाई, 2022, भुवनेश्वर

क्षेत्रीय स्टेशन, भाकृअनुप-कुक्कुट अनुसंधान निदेशालय, भुवनेश्वर, ओडिशा ने आज "भारत में बतख अनुसंधान - आगे का रास्ता" पर विचार-मंथन बैठक का आयोजन किया।

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मुख्य अतिथि, डॉ भूपेंद्र नाथ त्रिपाठी, उप महानिदेशक (पशु विज्ञान), भाकृअनुप ने अगले 5 वर्षों में 33 मिलियन से 40 मिलियन तक बत्तख उत्पादन में सुधार के लिए एक रोडमैप विकसित करने का सुझाव दिया। डॉ. त्रिपाठी ने बत्तख पालन के प्रभावी विस्तार एवं प्रसार के लिए सीपीडीओ के साथ सहयोगात्मक कार्यक्रम पर भी जोर दिया।

डॉ. आर.पी. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-डीएफएमडी, भुवनेश्वर, ओडिशा ने इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

इससे पूर्व, डॉ. आर.एन. चटर्जी, निदेशक, भाकृअनुप-डीपीआर, हैदराबाद ने स्वागत संबोधन में देश में बतख प्रजातियों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश में बतख उत्पादन को विकसित करने के लिए प्रख्यात वैज्ञानिकों द्वार शोध योग्य मुद्दों पर चर्चा करने एवं इसे आगे बढ़ाने में सुझाव देने का आग्रह किया।

डॉ. सी.के. बेहुरा, प्रभारी, क्षेत्रीय स्टेशन, भाकृअनुप-डीपीआर, भुवनेश्वर ने बतख विकास में केंद्र की महत्वपूर्ण उपलब्धियों एवं योगदान को रेखांकित किया।

डॉ. महेश पी.एस., संयुक्त आयुक्त और निदेशक, सीपीडीओ, बेंगलुरु और डॉ. ए. जलौदीन, शिक्षा और अनुसंधान के पूर्व निदेशक, केवीएएसयू, केरल ने भारत और विदेशों में बतख उत्पादन की स्थिति को रेखांकित किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कुक्कुट अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद)

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