भारतीय जलकृषि में ट्रांसलेशनल जीनोमिक्स के लिए रोडमैप के विकास पर विशेषज्ञ परामर्श का किया आयोजन

भारतीय जलकृषि में ट्रांसलेशनल जीनोमिक्स के लिए रोडमैप के विकास पर विशेषज्ञ परामर्श का किया आयोजन

29 अगस्त, 2025, लखनऊ

भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ ने एशियाई मत्स्य पालन सोसायटी (भारतीय शाखा), मैंगलोर तथा जलीय जैव विविधता संरक्षण सोसायटी, भारत के सहयोग से आज भाकृअनुप-एनबीएफजीआर, लखनऊ में भारतीय जलकृषि में ट्रांसलेशनल जीनोमिक्स के लिए रोडमैप के विकास पर एक विशेषज्ञ परामर्श का आयोजन किया।

मुख्य अतिथि, डॉ. टी.आर. शर्मा, राष्ट्रीय प्रोफेसर और पूर्व उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान), भाकृअनुप ने जलकृषि में ट्रांसलेशनल जीनोमिक्स को मजबूत करने के लिए पैन-जीनोम विश्लेषण, एकल-कोशिका ट्रांसक्रिप्टोमिक्स तथा प्रोटिओमिक्स की आवश्यकता पर बल दिया।

Expert Consultation on Development of a Roadmap for Translational Genomics in Indian Aquaculture Organised

अपने परिचयात्मक संबोधन में, भाकृअनुप के उप-महानिदेशक (मत्स्य विज्ञान) और भाकृअनुप-सीआरपी-जीनोमिक्स के समन्वयक, डॉ. जे.के. जेना ने लक्षण सुधार में तेजी लाने तथा भारतीय जलीय कृषि क्षेत्र को विकसित भारत@2047 के विजन की दिशा को आगे बढ़ाने में जीनोमिक्स की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला। डॉ. जेना ने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वतंत्रता के बाद से भारत में मत्स्य उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, लेकिन भविष्य में उत्पादकता में वृद्धि प्रौद्योगिकी-संचालित होनी चाहिए, विशेष रूप से जीनोमिक नवाचारों के माध्यम से।

डॉ. काजल चक्रवर्ती, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने स्वागत संबोधन दिया।

डॉ. अजीत के. शासनी, निदेशक, सीएसआईआर-एनबीआरआई, लखनऊ ने जलीय स्वास्थ्य प्रबंधन और मेटाबोलाइट अध्ययनों के लिए जीनोमिक्स-आधारित दृष्टिकोणों के महत्व पर बल दिया।

डॉ. बी. के. बेहरा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एनएफडीबी ने तीव्र वृद्धि, रोग प्रतिरोधक क्षमता और बेहतर पोषण गुणवत्ता जैसे वांछनीय लक्षणों वाली जलीय कृषि प्रजातियों के विकास में जीनोमिक्स की भूमिका पर प्रकाश डाला।

डॉ. एन.के. सिंह, पूर्व राष्ट्रीय प्रोफेसर, भाकृअनुप ने उच्च-गुणवत्ता वाले जीनोम संयोजनों, जैव सूचना विज्ञान में क्षमता निर्माण और अनुवादात्मक अनुप्रयोगों के लिए स्वदेशी प्रोटोकॉल विकास पर ज़ोर दिया।

Expert Consultation on Development of a Roadmap for Translational Genomics in Indian Aquaculture Organised

पैनल चर्चा में प्रजातियों के प्राथमिकीकरण, विशिष्ट जर्मप्लाज्म के जैव-पूर्वेक्षण, जीनोमिक हस्तक्षेप, सतत जलीय कृषि प्रबंधन, आणविक निदान, स्वास्थ्य प्रबंधन और बड़े पैमाने पर जीनोमिक डेटा विश्लेषण में एआई अनुप्रयोगों पर ज़ोर दिया गया।

इस परामर्श का समापन भारतीय जलीय कृषि में अनुवादात्मक जीनोमिक्स को आगे बढ़ाने के लिए प्रमुख सिफारिशों और एक रोडमैप के संश्लेषण के साथ हुआ।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ)

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