भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित "चीनी और एकीकृत उद्योगों की स्थिरता: मुद्दे और पहल" पर चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन- सुगरकॉन 2022; 16 अक्टूबर 2022 को लखनऊ में सोसाइटी फॉर शुगर रिसर्च एंड प्रमोशन (SSRP) और एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल्स इन शुगर एंड इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रीज (ISPSIT) का उद्घाटन किया गया।
डॉ. टी.आर. शर्मा, उप महानिदेशक (फसल विज्ञान), भाकृअनुप, नई दिल्ली, मुख्य अतिथि ने गन्ने को भारतीय अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में वर्णित किया और विश्व खाद्य दिवस पर सभी प्रतिनिधियों को बधाई दी तथा वैज्ञानिकों से जलवायु-अनुकूल, पोषक तत्व और पानी के प्रति सहिष्णु किस्मों, मूल्य वर्धित उत्पादों और गन्ने के रस, ठोस गुड़, गुड़, इथेनॉल और अन्य नए उत्पादों का विकास माध्यमिक कृषि के आवश्यक घटक के रूप में विकसित करने का आग्रह किया। डॉ. शर्मा ने गन्ना अनुसंधान संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान करके चीनी उद्योग को पीपीपी मोड में अनुसंधान में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उप महानिदेशक ने गन्ने में जीनोम एडिटिंग के माध्यम से नए उत्पादों को विकसित करने और जैव-सुरक्षा मुद्दों को संबोधित करने के बाद उन्हें जारी करने पर जोर दिया।
डॉ. आर.के. सिंह, सहायक महानिदेशक (फसल विज्ञान), भाकृअनुप ने गन्ने की केवल 10 किस्मों द्वारा वैश्विक गन्ना क्षेत्र के 50% से अधिक के कवरेज पर चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत में भी, 70% से अधिक गन्ना क्षेत्र दो किस्मों अर्थात् सीओ (Co) 0238 और सीओ (Co) 86023 के अंतर्गत है।
प्रारंभ में, डॉ. ए.डी. पाठक, निदेशक, आईआईएसआर ने संस्थान की हालिया उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
डॉ. सुशील सोलोमन, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के संरक्षक और सीएसएयू एंड टी, कानपुर के पूर्व वीसी ने सम्मेलन तथा चीनी उद्योग के सामने आने वाली बाधाओं के विषय में विस्तार से पर बात की।
सम्मेलन के आयोजन सचिव. डॉ. ए.के. साह, प्रधान वैज्ञानिक ने सम्मेलन की संरचना, उद्देश्यों और गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर, डॉ. जी.पी. राव, सम्मेलन के संयोजक ने एसएसआरपी की उपलब्धियों पर चर्चा की।
इस अवसर पर वैज्ञानिकों, चीनी उद्योग से जुड़े अधिकारियों और गन्ना किसानों को भी उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों ने प्रकाशन का विमोचन भी किया।
इस चीनी एक्सपो के आयोजन भागीदार के रूप में 40 से अधिक निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं, सेवा प्रदाताओं ने गन्ना हार्वेस्टर, नीम आधारित यूरिया, तरल फास्फोरस, जैविक उर्वरक, जैविक गुड़, सिरका और विभिन्न अन्य उत्पादों को प्रदर्शित किया। लगभग 300 छात्रों और अन्य आगंतुकों ने सुगर एक्सपो का दौरा किया।
सम्मेलन में भारत के 300 से अधिक प्रतिनिधियों और विदेशों से 30 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
वैज्ञानिक-किसान संवाद में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी, सीतापुर और लखनऊ जिलों के लगभग 300 किसानों ने भाग लिया।
समापन सत्र, 19 अक्टूबर, 2022 को आयोजित किया गया था और इसकी अध्यक्षता, श्री एस.सी. देशमुख, सलाहकार, वसंतदादा चीनी संस्थान, पुणे ने की थी।
विचार-विमर्श से उभरी प्रमुख सिफारिशें प्रस्तुत की गईं।
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