4-11 मार्च, 2024, देहरादून
भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून, अनुसंधान केन्द्र ने कृषि-ड्रोन एवं जनजातीय उप-योजना परियोजना के अंतर्गत जयपुर के मालपुरियागुड़ा गाँव में 5-11 मार्च, 2024 तक ड्रोन छिड़काव प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।

डॉ. पी. राजा, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी प्रमुख, ने ड्रोन तकनीक के महत्व, अधिकतम कवरेज के साथ बेहतर प्रभावकारिता, फसल एवं मृदा स्वास्थ्य को अधिकतम करते हुए लागत को न्यूनतम करने पर ज़ोर दिया।

डॉ. जे. लेंका, वैज्ञानिक, प्रधान अन्वेषक, कृषि ड्रोन परियोजना के केन्द्र, ने किसानों को ड्रोन द्वारा छिड़काव के लाभों, मानक विधियों, सुरक्षित कीटनाशकों, कीटनाशकों और ड्रोन छिड़काव के लिए पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी।
कुंद्रा, सिमिलिगुडा, बैपारीगुडा, कोरापुट जिलों के वेजाहांडी और देंगानागुडा गाँवों के किसानों ने ड्रोन छिड़काव, सुरक्षित कीटनाशक उपयोग, सूक्ष्म पोषक तत्वों और मानक संचालन प्रक्रियाओं पर चर्चा में भाग लिया।
प्रदर्शन के दौरान, मनपुरियागुडा, बोरीगुमा, वेजाहांडी और देंगानागुडा गाँवों के किसानों के खेतों में चावल, बीन्स तथा टमाटर की फसलों पर ड्रोन का उपयोग करके छिड़काव किया गया।
यह कार्यक्रम ड्रोन प्रदर्शन परियोजना के तहत रिवार्ड, टीएसपी और आरकेवीवाई द्वारा गोद लिए गए गाँवों में आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में कुल 100 किसानों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून)







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