एएयू आनंद में तीसरे अंतर्राष्ट्रीय खरपतवार सम्मेलन का उद्घाटन

एएयू आनंद में तीसरे अंतर्राष्ट्रीय खरपतवार सम्मेलन का उद्घाटन

20 दिसंबर, 20222, आणंद, गुजरात

विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों में अनावस्यक खरपतवारों से होने वाले बड़े नुकसान से निपटने के लिए, और भविष्य की खरपतवार प्रबंधन रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए, भारतीय खरपतवार विज्ञान सोसायटी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर और आनंद कृषि विश्वविद्यालय (एएयू), आणंद, गुजरात संयुक्त रूप से 20-23 दिसंबर, 2022 के दौरान एएयू परिसर में तीसरे अंतर्राष्ट्रीय खरपतवार सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।

सम्मेलन का उद्घाटन सत्र 20 दिसंबर, 2022 को आयोजित किया गया है। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता डॉ. के.बी. कथीरिया, कुलपति, आनंद कृषि विश्वविद्यालय ने की।

1

  

2

डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन सत्र की शोभा बढ़ाई। उद्घाटन कार्यक्रम में, मुख्य अतिथि ने फसलों और फसल प्रणाली में खरपतवारों के महत्व पर प्रकाश डाला और खरपतवार की गतिशीलता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का भी उल्लेख किया। खरपतवार प्रबंधन में आधुनिक उपकरणों एवं तकनीकों को विकसित करने में पारंपरिक ज्ञान और आत्म ज्ञान को शामिल करने की आवश्यकता है। यहां तक की, खरपतवार विज्ञान अनुसंधान में अधिक से अधिक सार्वजनिक और निजी सहयोग एवं भागीदारी की आवश्यकता है।

डॉ. टी. महापात्र ने अपने मुख्य संबोधन में, सामान्य रूप से, कृषि विशेष रूप से खरपतवार प्रबंधन की समस्याओं पर प्रकाश डाला। जैविक तनावों से निपटने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं और खरपतवार विकास में गतिशीलता, खरपतवार प्रतिस्पर्धात्मकता, आक्रमण और प्रजनन फसलों का समर्थन द्वारा टिकाऊ तरीके से एक स्वास्थ्य पर काम करने का सुझाव दिए।

डॉ. एस.के. चौधरी ने फसल उत्पादन में खरपतवारों के प्रभाव पर प्रकाश डाला।

डॉ. के.बी. कथीरिया, कुलपति ने खरपतवार विज्ञान से संबंधित मुद्दों, आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों की शुरूआत, उनके फायदे और इसकी सीमाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने जीनोम एडिटिंग, बायोहर्बिसाइड और नैनो-हर्बीसाइड विकास के लिए हाल की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला।

डॉ. समंदर सिंह, अध्यक्ष, इंटरनेशनल वीड साइंस सोसाइटी, यूएसए और प्रो. योशीहारु फूजी, टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, टोक्यो, जापान ने भी उद्घाटन सत्र के सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित होकर इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

डॉ. जे.एस. मिश्रा, सचिव, इंडियन सोसाइटी ऑफ वीड साइंस (आईएसडब्ल्यूएस) और निदेशक, खरपतवार अनुसंधान निदेशालय (डीडब्ल्यूआर), जबलपुर ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया।

आईएसडब्ल्यूएस के अध्यक्ष, डॉ. सुशील कुमार ने भी सत्र के दौरान श्रोताओं को संबोधित किया।

सत्र के दौरान कई खरपतवार वैज्ञानिकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया। साथ ही, इस अवसर पर खरपतवार प्रबंधन पर तीन प्रकाशन भी जारी किए गए।

सम्मेलन का मुख्य विषय "खरपतवार की समस्याएँ और प्रबंधन चुनौतियाँ: भविष्य के परिप्रेक्ष्य" रहा। यहां सम्मेलन के चार दिनों के दौरान कुल 12 तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे।

यह सम्मेलन, नई तकनीकों के उपयोग द्वारा टिकाऊ खरपतवार प्रबंधन का समाधान प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। इसके अलावा, इस से सम्मेलन से निश्चित रूप से कुछ ठोस विचार निकलकर सामने आएंगे जो नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और किसानों के लिए उपयोगी साबित होंगे। इस प्रकार, समग्र परिणाम, किसानों की आय बढ़ाने और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मददगार साबित होगा।

इस सम्मेलन में देश और दुनिया भर से लगभग 500 प्रतिनिधि भाग लेंगे।

(स्रोत: भाकृअनुप-खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर)

×