एनआरसीसी बीकानेर द्वारा जनजातीय क्षेत्रों में कृषक-वैज्ञानिक संवाद एवं पशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का किया आयोजन

एनआरसीसी बीकानेर द्वारा जनजातीय क्षेत्रों में कृषक-वैज्ञानिक संवाद एवं पशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का किया आयोजन

5 अगस्त, 2025, बीकानेर

भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी), बीकानेर द्वारा जनजातीय उप योजना (टीएसपी) के तहत प्रतापगढ़ जिले के ग्राम सोबनिया (तहसील पीपलखूंट) एवं मोटा मायंगा (तहसील सुहागपुरा) में क्रमश: 4 एवं 5 अगस्त, 2025 को कृषक-वैज्ञानिक संवाद एवं पशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया।

   

कार्यक्रमों में डॉ. अनिल कुमार पूनिया, निदेशक, एनआरसीसी ने कहा कि एनआरसीसी, टी.एस.पी. के अंतर्गत लक्षित क्षेत्रों में पशुपालकों को वैज्ञानिक पशुधन सेवाएं व तकनीकी सहयोग सतत प्रदान कर रहा है। उन्होंने उष्ट्र सहित विविध पशुपालन गतिविधियों को आजीविका का सशक्त माध्यम बताते हुए वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने का आह्वान किया तथा केन्द्र की निरंतर सहभागिता का भी भरोसा दिलाया।

डॉ. रतन चौधरी, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने उष्ट्र पालन की वैज्ञानिक विधियों की जानकारी साझा करते हुए स्वच्छ दुग्ध उत्पादन और समन्वित कृषि मॉडल की महत्ता पर बल दिया।

 

श्रीमती दलु, सरपंच, सोबनिया गांव एवं श्री शांतिलाल, सरपंच, मोटा मायंगा ने आयोजित गतिविधियों की सराहना करते हुए उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों के पशुपालकों हेतु अत्यंत लाभकारी बताया।

1240 पशुओं (ऊंट, गाय, बैल, भैंस, बकरी, भेड़ तथा मुर्गी) को रोगों से बचाव हेतु दवा एवं किट का वितरण किया गया। साथ ही पशुपालकों को पशु स्वास्थ्य, रोग प्रबंधन, वैज्ञानिक आधारित पशुपालन पद्धतियों एवं पोषण संबंधी महत्‍वपूर्ण जानकारी इस कार्यक्रम में प्रदान की गई।

इंडियन फार्म फॉरेस्ट्री डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव लि., प्रतापगढ़ के सहयोग से आयोजित इन कार्यक्रमों में 215 से अधिक परिवारों ने शिरकत की।

(भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर)

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