21 अगस्त, 2025, गोवा
गोवा राज्य जैव विविधता बोर्ड ने आज भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा में गोवा राज्य जैव विविधता रणनीति एवं कार्य योजना हेतु एक संस्थागत परामर्श बैठक आयोजित की।
बोर्ड वर्तमान में गोवा राज्य जैव विविधता रणनीति एवं कार्य योजना के मसौदे पर जनता से सुझाव मांग रहा है। विभिन्न 18 उप-समितियों के अंतर्गत 45 सदस्यीय समिति द्वारा विकसित इस योजना का उद्देश्य गोवा की जैव विविधता का दस्तावेजीकरण एवं संरक्षण करते हुए उसे स्थानीय आजीविका से जोड़ना है। जीएसबीएसएपी में जैव विविधता के विभिन्न पहलुओं, जैसे कृषि जैव विविधता, तटीय, समुद्री, आर्द्रभूमि और संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र, सतत विकास एवं जलवायु परिवर्तन पर अध्याय शामिल हैं।

डॉ. परवीन कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा, ने जैव विविधता के दस्तावेज़ीकरण तथा राज्य के लिए 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप जीएसबीएसएपी तैयार करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
भाकृअनुप-सीसीएआरआई के वैज्ञानिक कृषि जैव विविधता उप-समिति का नेतृत्व करते हैं और आर्द्रभूमि एवं जलाशय, समुद्री/मीठे पानी की मछलियां और अन्य जैव विविधता, पशुधन विविधता और जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता तथा बजटीय पहलुओं से संबंधित उप-समितियों में भी सक्रिय रूप से शामिल हैं। जीएसबीएसएपी के विकास में गैर-सरकारी संगठनों, अनुसंधान संस्थानों, सरकारी विभागों और जैव विविधता के जानकार व्यक्तियों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श शामिल था। गोवा फाउंडेशन एवं वन विभाग, गोवा सरकार योजना की तैयारी और कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसियां थीं।
विशेषज्ञों ने मसौदे पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। प्रस्तुति के बाद, विभिन्न इनपुट तथा फीडबैक के लिए गोवा राज्य जैव विविधता रणनीति और कार्य योजना (जीएसबीएसएपी) के मसौदे के अध्यायों पर चर्चा करने हेतु एक विचार-मंथन सत्र आयोजित किया गया।
बैठक में कुल 31 प्रतिभागी उपस्थित थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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