स्वच्छ माटी, स्वस्थ माटी, स्वच्छ उत्पादन एवं स्वस्थ इंसान इस सिद्धांत के आधार पर काम करने की जरूरत है जो आने वाले समय में देश और दुनियाँ के लिए लाभकारी होंगे – श्री तोमर
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेन्द्र सिंह तोमर आज किसान दिवस के शुभ अवसर पर बोलते हुए कहा कि यह दिवस पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री चौधरी चरण सिंह की जन्म दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष 23 दिसंबर को मनाया जाता है। उन्होंने कहा विगत वर्षों में कृषि क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है इस प्रगति में किसानों के परिश्रम किसानों की दूर दृष्टि, केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की नीतियां और हमारे वैज्ञानिकों का समय-समय पर किया गया अनुसंधान इसका निश्चित रूप से बहुत बड़ा योगदान रहा है। श्री तोमर ने कहा कृषि में जो परम्परागत चलन है उसमें बदलाव की जरूरत है, अब किसानों द्वारा मिट्टी की जांच करानी जरूरी है, जिससे उसे उर्वरक का सही उपयोग का पता चल सके साथ ही मृदा में सिंचाई की मात्रा भी जानने में सटीकता हो, जिसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्र काफी समय से कार्यरत है। केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मित्रों की सहायता से नई शिक्षा नीति में इस पद्धति को पाठ्यक्रम में जोड़ा गया है जो आने वाले समय में प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
श्री कैलाश चौधरी, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्य़ाण राज्य मंत्री; सुश्री शोभा करंदलाजे, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्य़ाण राज्य मंत्री ने इस कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी की।
किसान दिवस के इस अवसर पर, डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने बोलते हुए कहा कि परिषद विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन कर इसे खास रूप में प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाकृअनुप अपने 113 राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्रों, 74 कृषि विश्वविद्यालयों और 731 कृषि विज्ञान केन्द्रों, छः हजार से अधिक कृषि वैज्ञानिकों और पचास हजार से अधिक शोध छात्रों के साथ दुनियां की सबसे बड़ी राष्ट्रीय कृषि प्रणाली है। डॉ. पाठक ने कहा कि भाकृअनुप अपने अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से कृषि क्षेत्र में हरित क्रांति, नीली क्रांति, पीली क्रांति तथा रेनबो क्रांति से भारत के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई है।
श्री मनोज अहूजा, सचिव, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार एवं डॉ. अभिलक्ष लिखी, अतिरिक्त सचिव, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार की उपस्थिति के साथ डॉ. वी.पी. चहल, उपमहानिदेशक, भाकृअनुप ने इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन किया।
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