24 अगस्त, 2022, भुवनेश्वर
महिला किसानों को मुख्यधारा में लाने और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आज भाकृअनुप-केंद्रीय कृषि महिला संस्थान, भुवनेश्वर द्वारा राष्ट्रीय कृषि संसाधन केंद्र, नई दिल्ली के साथ एक अभिसरण बैठक आयोजित की गई।
मुख्य अतिथि, डॉ. वाई.आर. मीणा, अतिरिक्त आयुक्त विस्तार (डीए एंड एफडब्ल्यू), एनजीआरसीए ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में महिला किसान को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं और नीतियों पर प्रकाश डाला और बढ़ावा देने के इच्छुक सभी हितधारकों को समर्थन का आश्वासन दिया।
डॉ. अनिल कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईडब्ल्यूए ने कृषि उत्पादन बढ़ाने में महिला किसान एवं कृषि महिलाओं की मुख्य भूमिका पर जोर दिया। अपनी समापन टिप्पणी के दौरान, उन्होंने महिला किसानों के सशक्तिकरण के लिए सभी हितधारकों के विकासात्मक ढांचे को समेटने पर ध्यान केंद्रित किया।
कार्यक्रम के प्रधान वैज्ञानिक एवं संयोजक, डॉ. लिपि दास ने बैठक के उद्देश्य की जानकारी दी। उन्होंने अभिसरण मोड में "कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में विकास कार्यक्रमों के माध्यम से लैंगिक ढांचे का विकास" पर अवधारणा नोट भी प्रस्तुत किया और लैंगिक रूप से पिछड़े वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए भाकृअनुप-सीआईडब्ल्यूए की भूमिका पर जोर दिया।
डॉ. पूनम तिवारी, एनजीआरसीए ने एनजीआरसीए की जिम्मेदारियों, कार्यों और भविष्य की रणनीतियों को प्रस्तुत किया और सामूहिक रूप से कृषि महिला सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए सम्मिलन के महत्व को रेखांकित किया।
कृषि महिलाओं की खेती एवं कृषि-उद्यमी परिप्रेक्ष्य को मजबूत करने के लिए दृष्टिकोण तैयार करने के लिए विस्तृत चर्चा के साथ तकनीकी सत्र समाप्त हुआ। महिला किसानों के कौशल उन्नयन, महिला एफपीओ के गठन, वाणिज्यिक खेती एवं कृषि-उद्यमों के लिए बाजार से जुड़ाव, सफलता की कहानियों के दस्तावेजीकरण और केस स्टडी पर जोर दिया गया। कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण सूचकांक विकसित करने पर जोर दिया गया ताकि कृषि महिलाओं के लिए विकासात्मक ढांचे की प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके।
(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय कृषि महिला संस्थान, भुवनेश्वर)
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