कृषि स्थिरता एवं पोषण सुरक्षा के लिए स्मार्ट फसलें (आईसी दलहन - 2023): दलहन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के साथ विश्व दलहन दिवस - 2023 मनाया गया

कृषि स्थिरता एवं पोषण सुरक्षा के लिए स्मार्ट फसलें (आईसी दलहन - 2023): दलहन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के साथ विश्व दलहन दिवस - 2023 मनाया गया

10 फरवरी, 2023, एनएएससी, नई दिल्ली

भाकृअनुप-आईआईपीआर, कानपुर ने आज यहां विश्व दलहन दिवस - 2023 मनाया। इस अवसर पर, "दलहन: कृषि स्थिरता और पोषण सुरक्षा के लिए स्मार्ट फसल" (10-12 फरवरी - 2023) पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का भी उद्घाटन किया गया। सम्मेलन का आयोजन भाकृअनुप-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पल्स रिसर्च, कानपुर और इंडियन सोसाइटी ऑफ पल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आईएसपीआरडी) के साथ-साथ राष्ट्रीय भागीदार (एमओए एंड एफडब्ल्यू, जीओआई; एनएएएस, पीजीए, एनएएएस, नाबार्ड) और अन्तरराष्ट्रीय भागीदार (आईसीएआरडीए, वर्ल्ड वेज, जीईएफ, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम, एलायंस फॉर बायोवर्सिटी इंटरनेशनल) के सहयोग से किया गया।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, श्री कैलाश चौधरी ने देश में रिकॉर्ड दाल उत्पादन हासिल करने के लिए भारतीय किसानों और भाकृअनुप के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने 2014-22 के दौरान 313 किस्मों को विकसित करने और देश में दलहनी फसलों में बीज की पर्याप्तता सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत बीज हब मॉडल को लागू करने में वैज्ञानिकों के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विभिन्न सरकारी नीतियों और योजनाओं पर भी प्रकाश डाला जो किसानों को बेहतर दाल उत्पादकता प्राप्त करने में सहायता करती है।

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सम्मानित अतिथि, डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने पोषण सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, मृदा स्वास्थ्य, जल संरक्षण, फसल प्रणाली और पशु स्वास्थ्य के लिए दालों के कई लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे देश में दालों की घरेलू खपत की मांग को पूरा करने के लिए दालों में उपज के अंतर को कम करने और आयात पर निर्भरता को कम करने की दिशा में प्रयास करें।

सम्मानित अतिथि, डॉ. तिलक राज शर्मा, उप महानिदेशक (फसल विज्ञान), भाकृअनुप ने 2016 से भारतीय दलहन क्रांति का एक विस्तृत रोड मैप प्रदान किया और समाधान खोजने के लिए गति प्रजनन, और जीनोम संपादन जैसे नए उपकरणों द्वारा दाल उत्पादन में आने वाले चुनौतियों के समाधान पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, उन्होंने दालों में मूल्यवर्धन तथा उद्यमिता विकास पर ध्यान केन्द्रित करने पर भी जोर दिया।

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डॉ. यू. नियांग की विन, महानिदेशक, डीएआर, म्यांमार;  डॉ. संजीव गुप्ता, सहायक महानिदेशक (ओ एंड पी), भाकृअनुप ने भी सम्मानित अतिथि के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई।

इससे पहले, डॉ बंस सिंह, निदेशक भाकृअनुप-आईआईपीआर ने अपने स्वागत संबोधन में विश्व दलहन दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला।

डॉ. आई.पी. सिंह, अध्यक्ष आईएसपीआरडी; के साथ-साथ इस कार्यक्रम में देश-विदेश के किसानों और शिक्षाविदों ने भाग लिया।

इस अवसर पर, उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के चार प्रगतिशील दलहन किसानों को सम्मानित किया गया। इसके अलावा, वैज्ञानिकों को दाल अनुसंधान एवं विकास में उत्कृष्टता के लिए विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया। साथ ही आईएसपीआरडी का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, डॉ. पी.एम. सलीमठ, पूर्व कुलपति यूएएस, धारवाड़ और यूएएस, रायचूर को प्रदान किया गया।

पूर्ण सत्र में, डॉ. यू. नियांग की विन ने म्यांमार के पल्स रिसर्च सेटअप तथा दाल उत्पादन और मार्केटिंग रिटर्न का लाभ उठाने के लिए सरकार की रणनीतियों पर बात की। उन्होंने भारत के साथ दाल अनुसंधान और विकास में मजबूत सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

आईसीएआरडीए, मोरक्को के, डॉ. माइकल बॉम ने एसडीजी, एडीजी (ओ एंड पी), भाकृअनुप को संबोधित करते हुए एनएआरएस संस्थानों के साथ सहयोगी अनुसंधान में आईसीएआरडीए की साझेदारी और योगदान पर प्रकाश डाला।

डॉ. संजीव गुप्ता ने भारत में दलहन क्रांति और इसे बनाए रखने के लिए भविष्य की रणनीतियों का एक उदाहरण प्रस्तुत किया।

विश्व दलहन दिवस - 2023 को समर्पित एक विशेष सत्र का आयोजन "फार्म टू फोर्क: प्लानिंग, पॉलिसी, पर्सपेक्टिव्स" विषय पर किया गया था। प्रख्यात वक्ताओं ने सभा को दाल अनुसंधान के दिलचस्प पहलुओं को प्रस्तुत किया।

डॉ. प्रताप एस. बिरथल, निदेशक, भाकृअनुप-एनआईएपी, नई दिल्ली ने दलहन की खेती में आने वाली चुनौतियों और प्रौद्योगिकी विकास की बाधाओं पर चर्चा की।

डॉ. पी.के. जोशी आईएफपीआरआई, नई दिल्ली ने विभिन्न दाल आधारित वस्तुओं के बदलते उपभोक्ता स्वरूप तथा यह किस प्रकार बाजार मूल्य को नियंत्रित करते हैं, इसका लेखा-जोखा प्रदान किया।

द हिंदू के वयोवृद्ध पत्रकार, श्री जी. चंद्रशेखर ने दाल क्रांति को बाधित करने वाले मुद्दों पर चर्चा की और दलहन उत्पादकों के लाभ के लिए तथा दालों की कीमतों को स्थिर करने के लिए प्रभावी रणनीति अपनाने पर जोर दिया।

डॉ. आर. जगनमोहन, प्रमुख, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान, उद्यमिता और प्रबंधन, तंजावुर ने दालों के नए संसाधित उत्पादों की बात की तथा 3डी प्रिंटेड खाद्य पदार्थ, दाल-आधारित प्रोटीन फॉर्मूलेशन आदि जैसे कम खोजे गए रास्ते के बारे में विस्तार से बताया।

सीआरआईडीए के डॉ. ए. अमरेंद्र रेड्डी ने पिछले फसल सीजन में खराब मौसम के बावजूद दलहन उत्पादन की अनुकूलता और दलहन फसलों के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में दीर्घकालीन अनुबंध की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

श्री बिमल कोठारी, अध्यक्ष, इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन एसोसिएशन, मुंबई ने दलहन उत्पादों के संबंध में नीति-निर्माण, अनुसंधान एवं विकास की दिशा और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में रुझानों के अंतराल का गंभीर विश्लेषण प्रस्तुत किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर)

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