मौसम प्रेरित तनावों में उभरती फसल प्रबंधन रणनीतियों पर मानव संसाधन विकास कार्यक्रम का आयोजन
मौसम प्रेरित तनावों में उभरती फसल प्रबंधन रणनीतियों पर मानव संसाधन विकास कार्यक्रम का आयोजन

7-8 मार्च, 2024, कल्याणी

पश्चिम बंगाल के केवीके के लिए, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता के सहयोग से विस्तार शिक्षा निदेशालय, बिधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय (बीसीकेवी), नादिया द्वारा 'मौसम-प्रेरित तनावों में उभरती फसल प्रबंधन रणनीतियों' पर 2 दिवसीय मानव संसाधन विकास कार्यक्रम का आयोजन किसान अकादमी एवं कन्वेंशन सेंटर, कल्याणी में किया गया।

प्रो. गौतम साहा, कुलपति, बीसीकेवी ने 'मौसम से प्रेरित तनाव और केवीके के लिए आगे के कार्य' पर मुख्य संबोधन दिया और केवीके प्रणाली में आकस्मिक योजना जैसे विषय पर जोर दिया।

HRD programme on Emerging Crop Management Strategies in Weather Induced Stresses  HRD programme on Emerging Crop Management Strategies in Weather Induced Stresses

डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने 'जलवायु-प्रेरित तनाव के तहत मृदा प्रबंधन के मुद्दों' पर समापन संबोधन दिया और ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका को संबोधित करने के लिए सटीक कृषि और सेंसर-आधारित ड्रोन के उपयोग के महत्व को रेखांकित किया।

प्रो. पी. बंदोपाध्याय, निदेशक, विस्तार शिक्षा निदेशालय, बीसीकेवी ने मानव संसाधन विकास कार्यक्रम की प्रासंगिकता और केवीके वैज्ञानिकों के लिए इसकी उपयोगिता पर जोर दिया।

प्रो. ए.बी. शारंगी, डीन, बागवानी संकाय, बीसीकेवी ने एआई और मशीन लर्निंग जैसी प्रौद्योगिकियों के साथ हाल के विकास के महत्व पर प्रकाश डाला।

प्रो. जे. तरफदर, निदेशक, अनुसंधान प्रभारी, बीसीकेवी ने समसामयिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए समग्र फसल प्रबंधन रणनीतियों पर बातचीत की।

प्रो. एल. दास, डीन, कृषि संकाय, बीसीकेवी ने फसल उत्पादन से संबन्धित विभिन्न प्रकार के तनावों पर चर्चा की।

प्रो. एस.के. आचार्य, डीन, पीजी स्टडीज, बीसीकेवी ने लैंगिक समानता को मुख्यधारा में लाने के महत्व पर जोर दिया।

कार्यक्रम में, डॉ. के. बारुई, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, केवीके, हावड़ा और डॉ. ए. बनर्जी, सहायक निदेशक, विस्तार शिक्षा, बीसीकेवी उपस्थित रहे।

दक्षिण बंगाल के केवीके से आये कुल 26 प्रशिक्षुओं ने कार्यक्रम में शिरकत की।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)

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